यरुशलम: इजरायल के साथ यु्द्ध खत्म होने के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई गुरुवार को पहली बार सामने आए और इजरायल और अमेरिका के खिलाफ गरजे। इसके साथ ही खामेनेई को लेकर लग रही अटकलों पर भी विराम लग गया। 12 दिनों के युद्ध के दौरान इजरायली नेतृत्व ने अली खामेनेई को मारने की संभावना से इनकार नहीं किया था। अब इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने बताया है कि हालिया युद्ध के दौरान अली खामेनेई किस तरह से बचे रहे, जबकि उनके टॉप के जनरल इजरायली हमले में मारे गए।
जमीन के अंदर छिप गए थे खामेनेई
इजरायली रक्षा मंत्री ने कहा कि युद्ध के दौरान अगर संभव होता तो उनके देश की सेना ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई को मार देती। इजरायल के कान टीवी को दिए एक इंटरव्यू में कैट्ज ने कहा, ‘मेरा अनुमान है कि अगर खामेनेई हमारी नजर में होते तो हम उन्हें मार देते। लेकिन खामेनेई ये समझ गए। वे बहुत गहराई में अंडरग्राउंड हो गाए और उन कमांडरों से संपर्क तोड़ लिया, जो मारे गए कमांडरों की जगह नियुक्त किए गए थे।
खामेनेई को मारना नहीं था संभव
कैट्ज ने कहा कि ऐसे में खामेनेई को मारना ‘यथार्थवादी नहीं था।’ 13 जून को युद्ध की शुरुआत में ही इजरायल ने ईरान के चीफ ऑफ स्टॉफ और आईआरजीसी के चीफ समेत कई शीर्ष ईरानी कमांडरों और परमाणु वैज्ञानिकों को मार डाला था। इजरायल के प्रधानमंत्री और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्ध के दौरान कई बार कहा था कि खामेनेई का जीवन खतरे में हो सकता है और युद्ध का परिणाम शासन परिवर्तन हो सकता है।
अमेरिका से मंजूरी पर बोले कैट्ज
जब कैट्ज से पूछा गया कि क्या इजरायल ने ऐसी कार्रवाई के लिए अमेरिका से अनुमति मांगी थी तो उन्होंने कहा, ‘हमें इन चीजों के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं है।’ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी खामेनेई की जान को खतरा बताया था। 17 जून को सोशल मीडिया पोस्ट में ट्रंप ने कहा था, ‘हमें ठीक से पता है कि तथाकथित सर्वोच्च नेता कहां छिपा है। वह एक आसान लक्ष्य है लेकिन वहां सुरक्षित हैं। हम उन्हें खत्म (मारेंगे) नहीं करेंगे, कम से कम अभी तो नहीं।’ हालांकि, ट्रंप ने युद्ध के बाद कहा कि शासन परिवर्तन लक्ष्य नहीं था।