चीन क्यों हर साल 100 परमाणु हथियार बना रहा? भारत और पाकिस्तान का क्या है हाल, पढ़िए चौंकाने वाली रिपोर्ट

नई दिल्ली: चीन अपने परमाणु हथियारों को तेजी से बढ़ा रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन हर साल 100 परमाणु हथियार बना रहा है। यह संख्या भारत के परमाणु हथियारों के भंडार से तीन गुना ज्यादा है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस इंस्टीट्यूट (SIPRI) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के पास पाकिस्तान से थोड़े ज्यादा परमाणु हथियार हैं। लेकिन, दोनों देशों के बीच हाल ही में हुई सैन्य झड़प से परमाणु युद्ध का खतरा बढ़ गया था। SIPRI के एक वरिष्ठ शोधकर्ता ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने से परमाणु हथियारों का इस्तेमाल होने का खतरा था।

भारत के पास पाकिस्तान से मात्र 10 अधिक परमाणु हथियार-

SIPRI के अनुसार, जनवरी 2024 तक चीन के पास 500 परमाणु हथियार थे। अब यह संख्या बढ़कर 600 हो गई है। भारत के पास 180 और पाकिस्तान के पास 170 परमाणु हथियार हैं। रूस और अमेरिका के पास सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं। दुनिया के 90% परमाणु हथियार इन्हीं दोनों देशों के पास हैं।

2035 तक चीन के पास होंगे 1500 परमाणु हथियार-

SIPRI की रिपोर्ट के अनुसार, चीन सबसे तेजी से अपने परमाणु हथियारों को बढ़ा रहा है। अनुमान है कि 2035 तक चीन के पास 1,500 परमाणु हथियार होंगे। भारत और पाकिस्तान दोनों ही 2024 में नए तरह के परमाणु हथियार बनाने की तकनीक विकसित कर रहे थे। वे बैलिस्टिक मिसाइलों पर कई हथियार लगाने की क्षमता भी हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।

भारत ने 1 साल में मात्र 8 परमाणु हथियार बनाए-

भारत ने अपने परमाणु हथियारों की संख्या को थोड़ा बढ़ाया है। पिछले साल भारत के पास 172 परमाणु हथियार थे, जो अब बढ़कर 180 हो गए हैं। भारत की नई ‘कैनिस्टराइज्ड’ मिसाइलें शांति के समय में भी परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम हैं। ‘कैनिस्टराइज्ड’ मिसाइलें एक तरह के डिब्बे में बंद होती हैं, जिससे उन्हें आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है और वे सुरक्षित रहती हैं।

बता दें कि भारत ने 7 मई को पाकिस्तान के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था। SIPRI के एक शोधकर्ता के मुताबिक परमाणु ठिकानों पर हमले और गलत सूचना के कारण एक सामान्य युद्ध परमाणु संकट में बदल सकता था। इसका मतलब है कि अगर परमाणु हथियारों से जुड़े सैन्य ठिकानों पर हमला होता है और गलत खबरें फैलती हैं, तो एक साधारण लड़ाई भी परमाणु युद्ध में बदल सकती है।

भारत ने पाकिस्तान के सरगोधा और नूर खान एयरबेस पर हमले किए थे। सरगोधा, पाकिस्तान के किरना हिल्स में बने भूमिगत परमाणु ठिकाने के पास है। वहीं, नूर खान एयरबेस, स्ट्रेटेजिक प्लान्स डिवीजन के मुख्यालय के करीब है। यह डिवीजन पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा का जिम्मा संभालता है।

परमाणु हथियार युद्ध रोक नहीं सकते बल्कि बढ़ा सकते-

SIPRI के शोधकर्ता ने कहा कि भारत और पाकिस्तान में हाल ही में हुई झड़प से पता चलता है कि परमाणु हथियार युद्ध को नहीं रोकते हैं। इनसे युद्ध बढ़ने का खतरा होता है और गलत फैसले लिए जा सकते हैं। गलत सूचना फैलने पर स्थिति और भी खराब हो सकती है। इससे देश के लोगों की सुरक्षा कम हो सकती है।

SIPRI की रिपोर्ट में और क्या?

SIPRI की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान अपनी ‘शुरुआती’ परमाणु त्रिकोण ( विमान, जमीन से प्रक्षेपित बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलें, और समुद्र से प्रक्षेपित क्रूज मिसाइलें) को विकसित कर रहा है। पाकिस्तान अगस्ता-90B डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों पर बाबर-3 जैसी sea-launched cruise missiles लगा रहा है।

भारत के पास एक ‘विकसित’ परमाणु त्रिकोण है। INS अरिहंत और INS अरिघाट में दो operational SSBNs हैं, जो भारत के परमाणु त्रिकोण को मजबूत करते हैं। तीसरा, थोड़ा बड़ा SSBN इस साल INS अरिधमन के रूप में कमीशन किया जाएगा, जैसा कि पहले TOI ने बताया था। SSBNs पानी के अंदर से परमाणु मिसाइलें दागने में सक्षम हैं, जिससे भारत की परमाणु क्षमता और भी बढ़ जाती है।

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