लखनऊ: उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के दांदरपुर गांव में कथावाचक मुकुटमणि सिंह यादव और संत सिंह के साथ बदसलूकी की घटना ने हिलाकर रख दिया है. अब दोनों कथावाचक गायब हैं. पुलिस की टीम औरैया के अछल्दा कस्बे में गई, जहां कथावाचक मुकटमणि किराए के मकान में रहते थे, लेकिन वहां भी ताला लटका मिला. कथावाचक संत सिंह के इटावा स्थित घर पर जब पुलिस पहुंची तो उनके घरवाले तो मिले, लेकिन संत सिंह का कोई पता नहीं चला. दोनों के मोबाइल भी बंद हैं. दांदरपुर मामले की जांच में दोनों का गायब होना अब पुलिस के लिए समस्याएं पैदा कर रहा है.
21 जून को दांदरपुर गांव में कथा के दौरान कथावाचकों की जाति उजागर होने पर कुछ गांववालों ने कथित तौर पर उनके साथ मारपीट की. आरोप है कि कथावाचक मुकुटमणि की चोटी काट दी गई और संत सिंह का सिर जबरन मुंडवा दिया गया. इस अमानवीय घटना का वीडियो 23 जून को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है.
दोनों पक्षों की ओर से दर्ज हैं FIR
वीडियो सामने आने के बाद 24 जून को कथावाचक संत सिंह ने थाने में दो नामजद और 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई. लेकिन इसी दिन कथा आयोजन से जुड़ी यजमान महिला ने पलटवार करते हुए कथावाचकों पर जाति छिपाकर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाते हुए एक और केस दर्ज करा दिया.
फरार आरोपी और पुलिस की तलाश
झांसी पुलिस के निरीक्षक जेपी पाल मामले की विवेचना कर रहे हैं. उन्होंने सबसे पहले दांदरपुर गांव पहुंचकर आयोजन से जुड़े लोगों और ग्रामीणों के बयान दर्ज किए. इसके बाद पुलिस टीम कथावाचक मुकुटमणि की तलाश में औरैया जिले के अछल्दा कस्बे स्थित उनके किराए के मकान पर पहुंची, लेकिन वहां ताला लगा मिला. स्थानीय लोगों से जानकारी मिली कि घटना के बाद से मुकुटमणि वहां नहीं लौटे हैं.
दूसरी ओर, कथावाचक संत सिंह के इटावा स्थित घर पर भी पुलिस पहुंची, लेकिन वे वहां मौजूद नहीं थे. उनके परिवारजन मिले, मगर उन्होंने संत सिंह के बारे में कुछ भी बताने में असमर्थता जताई. पुलिस ने परिवार से आग्रह किया है कि वे संत सिंह को जल्द से जल्द जांच अधिकारी से संपर्क करने के लिए कहें. निरीक्षक जेपी पाल ने भरोसा दिलाया कि जांच पूरी निष्पक्षता से की जा रही है और सभी पक्षों के बयान लेकर रिपोर्ट तैयार की जा रही है. पुलिस का मानना है कि कथावाचकों से पूछताछ होने पर ही पूरे विवाद की सही तस्वीर सामने आ सकेगी.