हमीरपुर जिले के राठ कोतवाली क्षेत्र के अकौना गांव निवासी वंशगोपाल उर्फ रोहित पाठक (24) पुत्र आशाराम पाठक राठ कस्बे के एक निजी अस्पताल में लैब टेक्नीशियन था। तीन दिन पहले अस्पताल में डॉक्टर से विवाद हुआ था। विवाद अस्पताल से सड़क में आने से पहले डॉक्टर ने लैब टेक्नीशियन से माफी भी मांगी थी।
मृतक के बड़े भाई बृजगोपाल पाठक ने बताया कि रोहित को दो दिन पहले देर शाम निजी अस्पताल के डॉक्टर पिकनिक मनाने के लिए सरसेड़ा गांव के पास मौदहा डैम ले गए थे, जहां उसकी हत्या कर शव डैम में फेंक दिया। सूचना मिलते ही राठ के एसडीएम अभिमन्यु कुमार, सीओ राजीव प्रताप सिंह, नायब तहसीलदार वीरपाल व कोतवाल रामआसरे सरोज के अलावा मुस्करा थाना प्रभारी मौके पर पहुंचकर स्थानीय गोताखोरों की मदद से डैम में सर्च ऑपरेशन चलाया लेकिन लैब टेक्नीशियन का कोई पता नहीं चल सका।
परिजन और ग्रामीणों का प्रदर्शन
लैब टेक्नीशियन की हत्या कर मौदहा डैम में फेंके जाने से परिजनों ने आक्रोशित होकर ग्रामीणों की मदद से सड़क जाम कर जमकर हंगामा काटा। राठ क्षेत्र की विधायक मनीषा अनुरागी और जिला पंचायत अध्यक्ष जयंती राजपूत समेत तमाम अफसर मौके पर पहुंचकर भीड़ को समझाने का प्रयास किया लेकिन दोषी डॉक्टर व एक अन्य कर्मी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की जिद पर परिजन अड़े रहे। सीओ के समझाने के बाद परिजनों ने जाम खोला। उधर लैब टेक्नीशियन के शव की खोजबीन के लिए एसडीआरएफ की टीम लगाई गई। करीब अठारह घंटे बाद डैम से रोहित पाठक का शव मिल सका।
आरोपी डॉक्टर व स्टाफकर्मी फरार
मृतक के भाई बृजगोपाल पाठक ने निजी अस्पताल के डॉक्टर कुलदीप सिंह राजपूत व अस्पताल कर्मी नीरज के खिलाफ कोतवाली में तहरीर देकर आरोप लगाया कि इन्हीं दोनों से तीन दिन पहले छोटे भाई रोहित से विवाद हुआ था। इसी रंजिश के कारण उसकी हत्या कर शव मौदहा डैम में फेंक दिया गया।
पुलिस ने डॉक्टर और स्टाफ कर्मी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर घटना की जांच शुरू कर दी है। कोतवाली प्रभारी रामआसरे सरोज ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच जारी है। उधर नोटिस चस्पा कर निजी अस्पताल बंद कर दिया गया है। वहीं आरोपी डॉक्टर का कहना है कि परिजनों के आरोप गलत है।