बिहार में मतदाता सूची संशोधन… 80% से अधिक मतदाताओं ने जमा किए गणना फॉर्म, ECI ने पकड़ी रफ्तार

पटना: बिहार में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर चुनाव आयोग (ECI) ने कमर कस ली है. आयोग ने बिहार के लगभग सभी मतदाताओं से सीधा संपर्क स्थापित कर लिया है. बता दें कि 12 जुलाई तक कुल 7.90 करोड़ मतदाताओं में से 80.11% यानी 6,32,59,497 मतदाताओं ने अपने गणना फॉर्म (Enumeration Forms) जमा कर दिए हैं. यह प्रक्रिया 25 जुलाई की समय सीमा से पहले पूरी होने की राह पर है.

चुनाव आयोग ने बताया कि बिहार में 7,89,69,844 मतदाताओं के लिए गणना फॉर्म छपाई का काम 100% पूरा हो चुका है. बता दें कि इन फॉर्म का वितरण भी लगभग पूरा हो गया है. आयोग ने 77,895 बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) और अतिरिक्त 20,603 नए BLOs को मैदान में उतारा है. इसके अलावा, 38 जिला निर्वाचन अधिकारी (DEOs), 243 विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (EROs) और 963 सहायक EROs इस प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं. बता दें कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के नेतृत्व में यह अभियान तेजी से चल रहा है.

हर मतदाता तक हमारी पहुंचने की कोशिश: ECI

आयोग ने सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त 1.5 लाख बूथ लेवल एजेंट्स (BLAs) की मदद भी ली है. ये एजेंट्स घर-घर जाकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि 24 जून 2025 तक मतदाता सूची में शामिल हर मतदाता का नाम सही रहे. ताकि किसी प्रकार की कोई समस्या न हो सके. इसके साथ ही, 4 लाख से अधिक स्वयंसेवक वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग मतदाताओं और अन्य कमजोर वर्गों की सहायता कर रहे हैं.

ECINet: न्यू एडवांस सॉफ्टवेयर

ECI ने नया ECINet सॉफ्टवेयर लॉन्च किया है. जिसमें पुराने 40 ECI ऐप्स को एक किया गया है. बता दें कि इस सॉफ्टवेयर के जरिए 6 जुलाई तक 4.66 करोड़ गणना फॉर्म डिजिटल रूप से अपलोड किए जा चुके हैं. यह सॉफ्टवेयर सत्यापन प्रक्रिया को और पारदर्शी व तेज बनाएगा. जिससे सभी मतदाताओं को इसमें शामिल किया जा सके.

दस्तावेज जमा करने की समय सीमा

मतदाताओं को अपने गणना फॉर्म के साथ पात्रता दस्तावेज जमा करने की सलाह भी दी गई है. जिससे उन मतदाताओं की पुष्टि की जा सके. अगर कोई मतदाता समय पर दस्तावेज जमा नहीं कर पाता, तो वह 30 अगस्त 2025 तक दावे और आपत्तियों की अवधि में इन्हें जमा कर सकता है. बता दें कि 1 अगस्त को ड्राफ्ट मतदाता सूची प्रकाशित होगी. जिसमें सभी मतदाताओं के शामिल होंगे.

बिहार के लिए क्यों अहम है यह अभियान?

यह अभियान बिहार की मतदाता सूची को और सटीक व पारदर्शी बनाने के लिए है. चुनाव आयोग का लक्ष्य है कि कोई भी पात्र मतदाता छूटे नहीं, सबको मतदान का हक मिले. स्वयंसेवकों और BLOs की मेहनत से यह प्रक्रिया न केवल समय से पहले पूरी होने की उम्मीद है, बल्कि यह बिहार के आगामी विधानसभा चुनावों के लिए एक मजबूत जनाधार भी तैयार करेगी.

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