पाक फौज का नापाक चेहरा, POK में LOC के पास गांववालों को बनाया बंधक, ह्यूमन शील्ड के तौर पर करना चाहता है इस्तेमाल.

 

PAK ARMY ATROCITY: LOC फिर से हॉट हो गई है. 4 साल से जिस इलाके में बंदूके शांत थी अब रोज रात को पाक फौज डर के मारे फायर कर रही है. पहलगाम के हमले को अंजाम देकर पाक ने खुद के लिए तो मुसीब खड़ी कर ली है. साथ ही LOC के पास रहने वाले पीओके के लोगों के लिए मुसीबत बढ़ा दी है. भारत के पलटवार की संभावनाओं के चलते पाक सेना ने अपनी तौनाती को भी बढ़ाया है. चौकाने वाली बात तो यह है कि पाक फौज ने गांव वालों को बंधक बना लिया है. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक कई गांव ऐसे है जहां के लोग सुरक्षित इलाके की तलाश में अपने गांव छोड़कर जाना चाहती है. लेकिन पाक फौज उन्हें जाने नहीं दे रही है. कई गांव में जहां अकेले घर पहाड़ियों पर मौजूद है वह तो फिर भी निकलने की सोच सकते है. लेकिन जहां घरों की संख्या ज्यादा है वहां के लोग तो वह सोच भी नहीं सकते. पाक फौज की तरफ से इन गांव के बीचोंबीच अपनी नई मोर्टार पोजिशन तैयार करने में लगा है. साथ ही कई नए बंकर भी तैयार करने में जुटा है. आम गांव वालों के लिए बंकर भी नहीं है.

आम लोगों की जान की कोई कीमत नहीं
पाक सेना पहले भी इस तरह की हरकत को कर चुकी है. चार साल पहले भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर हुआ था. उससे पहले रोज छोटे हथियार नहीं बड़े हथियारों से फायरिंग की जाती थी. जिनमें आर्टेलरी गन शामिल थी. भारतीय सेना ने इस तरह से जवाब दिया की पाकिस्तान को मजबूरन अपनी गन पिट और मोर्टार पोजिशन को गांव के बीच स्थापित करना पड़ा. पाक सेना की साजिश थी की भारत के पलटवार से गांव के लोगों को नुक्सान पहुंचे फिर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने भारत को बदनाम कर सके. इस बार फिर से पाकिस्तान ने यह चाल चली है. जंग जैसे हालातों के मद्देनजर अब वह फिर से गांवों की तरफ रुख कर चुका है. साल 2020 में तो पाकिस्तान ने सीजफायर वायोलेशन के सारे रिकॉर्ड ही तोड़ दिए थे. एक साल में 3500 से ज्यादा बार गोलीबारी की थी. भारत ने उसका माकूल जावाब दिया. पाकिस्तान ने यह दावा किया कि भारतीय सेना ने गांव वालों को निशाना बनाया है. जब्कि हकीकत तो यह है कि उसने अपनी गन पिट गांव में बनाई थी. जहां से एक फायर आता तो भारत की तरफ से वहां दो फायर आ जाते.

गांव में आंतकी करते रहें हैं परेशान
लॉंच पैड कोइ स्पेशल इलाका नहीं होता बल्कि LOC के पास 500 से 700 मीटर दूर कोई भी गांव का घर हो सकता है. जिसे LOC पार करने के लिए चुना जाता है. लॉन्च पैड पर भेजे जाने से पहले पाकिस्तान सेना के पोस्ट पर आतंकियों तो भेजा जाता है. वही पर रहकर आतंकी रेकी करते हैं कि किस जगह से घुसबैठ की जा सकती है. चूकी LOC पर जो भी गांव है उसमें बहुत ज़्यादा घर नही होते. जिस जगह से घुसबैठ की कोशिशों को अंजाम देना हो उसके पास के घर को ही चुना जाता है. जब तक घुसबैठ का सहीं मौका नहीं मिलता तब तक वह आतंकी उन्हीं के घरों में जबरन रहते हैं. बंदूक की नोक पर वह पूरे घर को बंधक बना लेते है. एक मेहमान की तरह नहीं बल्कि घर के मालिक की तरह रहते है.

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