Success Story: जन्म होते ही गुजर गए पिता, मां की दूसरी शादी, आंसुओं से गुजरकर IITian बनी लड़की

 

IIT Success Story: छोटी उम्र, बड़े जख्म जब ज्यादातर बच्चे बोलना सीख रहे होते हैं, मौसम ने अपने पिता को खो दिया। सिर्फ 6 महीने की थीं वो। और जब तीन साल की हुईं, मां ने दूसरी शादी कर ली। मां की ममता छिन गई, लेकिन दादी और चाचा ने मां-बाप दोनों की कमी पूरी करने की कोशिश की। मौसम कहती हैं, ‘उन्हीं के लिए जी-जान लगाई, क्योंकि उन्होंने मुझे कभी टूटने नहीं दिया।’

एक सपना, जो दादी की आंखों में पल रहा था
10वीं क्लास में ही मौसम ने तय कर लिया था—’IIT जाना है, और दादी को दुनिया दिखानी है।’ वो जानती थीं कि ये रास्ता आसान नहीं होगा, लेकिन सपना बड़ा था।’

मां-बाप के बाद दादी भी गईं, फिर टूटा दिल

सब कुछ पटरी पर आने ही लगा था कि दादी का देहांत हो गया। स्कूल में बैठी मौसम उस खबर से पूरी तरह बिखर गईं। लेकिन उन्होंने रोकर हार मानने की बजाय, अपनी पढ़ाई को दादी को श्रद्धांजलि बना दिया। और उसी साल दसवीं में टॉप किया।

 

कोविड का कहर और बेघर होने का संघर्ष

IIT की तैयारी शुरू हुई, लेकिन तभी आया COVID-19 का कहर। ऑनलाइन क्लास तो शुरू हुईं, पर पढ़ने की जगह नहीं थी। रिश्तेदारों के घर भटकना, बिजली कटौती, और अकेलापन—इन सबने मौसम को तोड़ने की हर कोशिश की। पर उसने खुद से कहा – ‘रुकना नहीं है।’

 

जब किस्मत ने खोली मदद की खिड़की

IIT गुवाहाटी में एडमिशन मिल गया, लेकिन फीस एक दीवार बन गई। तभी व्हाट्सएप पर एक स्कॉलरशिप की खबर मिली। मौसम ने आवेदन किया, और किस्मत और उनकी मेहनत ने उन्हें सफलता दिला दी।

इस स्कॉलरशिप ने सिर्फ उनकी फीस नहीं भरी, बल्कि उन्हें रहने की जगह, आत्मविश्वास, दोस्त और एक नई पहचान दी। मौसम ने सीखा कि जिंदगी में सिर्फ नंबर नहीं, सीवी, पब्लिक स्पीकिंग और आत्मनिर्भरता भी ज़रूरी होती है।

 

अब नई मंजिलें बुला रही हैं

आज मौसम IIT से ग्रेजुएट होने जा रही हैं और उन्हें एक ग्लोबल प्राइवेट बैंक में हाई-पेइंग जॉब मिल चुकी है। अब वह अपने सपनों को उड़ान देना चाहती हैं—दुनिया देखना, प्यार महसूस करना और एक ऐसा घर बनाना जिसमें सिर्फ अपनापन हो।

मौसम कहती हैं, ‘इतना सहा है, अब मुस्कराने का वक्त है… फल तो मीठा होगा ही।’

 

सोशल मीडिया पर छाई मौसम की कहानी

सोशल मीडिया पर मौसम की कहानी ने तूफान ला दिया है। लोग उन्हें ‘अनस्टॉपेबल टैलेंट’ कह रहे हैं। उनके पुराने दोस्त, सहपाठी और अनजान लोग—हर कोई उन्हें दुआ दे रहा है।

मौसम की कहानी सिर्फ एक लड़की की सफलता नहीं है। यह उन लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा है, जो गरीबी, अकेलेपन या हालातों से जूझ रहे हैं। वह सबको यह सिखाती हैं कि अगर इरादा मजबूत हो, तो अंधेरे में भी रास्ता दिखता है।

 

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