नौतनवा/महराजगंज (लाल बहादुर जायसवाल)। नौतनवा नगर के वार्ड नंबर 18, जानकीनगर स्थित रामलीला मैदान में गुरुवार शाम रावण दहन के साथ दशहरा मेला संपन्न हुआ। रावण वध होते ही पूरा मैदान ‘जय श्रीराम’ के नारों से गूंज उठा। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने जीवंत रामलीला का आनंद लिया और भगवान श्रीराम की लीलाओं का साक्षी बने।
ऐतिहासिक परंपरा का निर्वहन
नौतनवा में रामलीला की शुरुआत वर्ष 1956 में स्थानीय जमीदार (चौधरी परिवार) द्वारा की गई थी। इसके बाद इस परंपरा को आगे बढ़ाने का कार्य लालमन प्रसाद जायसवाल ने संभाला। तब से लगातार नगर में भव्य रामलीला का आयोजन किया जाता है।
प्रमुख लीलाओं का मंचन
श्री रामलीला समिति नौतनवा द्वारा लक्ष्मण-मेघनाद युद्ध, लक्ष्मण मूर्छा सहित अन्य प्रमुख प्रसंगों का मंचन किया गया। भगवान श्रीराम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान रथ पर सवार होकर रामलीला मैदान पहुंचे। नगरवासियों ने रथ यात्रा का विधिवत स्वागत कर पूजा-अर्चना की।
श्रद्धालुओं की भीड़ और धार्मिक उत्साह
रामलीला मैदान में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। लोग सजीव मंचन देखकर भावविभोर हुए। नगर के विभिन्न दुर्गा पंडालों में दर्शन-पूजन भी किया गया। श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा से सुख-समृद्धि की कामना की। मेले में लगे विभिन्न खाने-पीने की दुकानों और स्टॉल्स पर बच्चों से लेकर बड़ों तक ने खरीदारी और स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद उठाया।
प्रशासन की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा। उपजिलाधिकारी नौतनवा नवीन कुमार, तहसीलदार करण सिंह, क्षेत्राधिकारी अंकुर गौतम, थाना प्रभारी पुरुषोत्तम राव, कस्बा चौकी प्रभारी छोटेलाल सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल मेले में मौजूद रहा। प्रभु श्रीराम का रथ पुलिस सुरक्षा में रामलीला मैदान पहुंचा। पूरे मेले क्षेत्र में पुलिस बल लगातार चक्रमण करता रहा और हर गतिविधि पर नजर रखी।
गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति
इस अवसर पर लालमान प्रसाद जायसवाल, रामरुप प्रसाद जायसवाल, संजय जायसवाल, विंध्याचल जायसवाल, राजेश जायसवाल, दीपक जायसवाल, शिखर जायसवाल, समाजसेवी राजाराम जायसवाल, उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष संतोष जायसवाल, भाजपा नगर अध्यक्ष हरिशंकर जायसवाल, बबलू, बृजेंद्र श्रीवास्तव, सुनील श्रीवास्तव, पत्रकार विनोद पटवा, राजा अग्रहरी, लाल बहादुर जायसवाल, एवम नगर के दिनेश वर्मा और राजू पहलवान सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु और नगरवासी उपस्थित रहे।










