महराजगंज: जनपद में अब बिना मान्यता के कोई भी स्कूल या कोचिंग संस्थान संचालित नहीं हो सकेगा। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने इस दिशा में सख्ती बरतनी शुरू कर दी है और सभी निजी शिक्षण संस्थानों को ग्लोशाइन बोर्ड लगाने का निर्देश दिया गया है। इस बोर्ड पर विद्यालय की मान्यता और कक्षाओं का विवरण स्पष्ट रूप से अंकित होना अनिवार्य किया गया है।
डीआईओएस प्रदीप कुमार शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में वर्तमान में 278 माध्यमिक विद्यालय उत्तर प्रदेश बोर्ड से और लगभग 100 से अधिक विद्यालय सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड से संचालित हो रहे हैं। लेकिन स्थलीय जांच के दौरान ऐसे कई संस्थान भी सामने आए हैं, जो बिना मान्यता या सीमित मान्यता के बावजूद उच्च कक्षाओं का संचालन कर रहे हैं।
जांच में मिले कई अमान्य स्कूल और कोचिंग संस्थान
माध्यमिक शिक्षा परिषद की जांच में यह तथ्य सामने आया कि कुछ संस्थानों के पास केवल प्राथमिक कक्षाओं की मान्यता थी, लेकिन वे माध्यमिक स्तर तक की कक्षाएं चला रहे थे। वहीं कुछ कोचिंग संस्थानों और स्कूलों की कोई वैध मान्यता नहीं पाई गई।
इन सभी अमान्य शिक्षण संस्थानों को नोडल अधिकारियों द्वारा नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं।
स्थिति को नियंत्रण में लाने और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए विभाग ने निर्देशित किया है कि 15 अगस्त 2025 तक सभी निजी स्कूल ग्लोशाइन बोर्ड लगाएं, जिस पर मान्यता प्रदान करने वाले बोर्ड का नाम और कक्षाओं की सीमा स्पष्ट रूप से दर्ज हो। इसके बाद नियम का उल्लंघन करने वाले संस्थानों पर विभागीय कार्यवाही की जाएगी।