सोनौली/महराजगंज (लाल बहादुर जायसवाल)। जहां प्रशासनिक स्तर पर बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं, वहीं जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। महराजगंज जनपद के सोनौली कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत लक्ष्मीनगर गांव में नेपाल सीमा से सटी एक नदी के किनारे अवैध रूप से जेसीबी मशीनों द्वारा बड़े पैमाने पर अवैध मिट्टी खनन किया जा रहा है। इस अवैध गतिविधि से न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि ग्रामीणों के लिए बाढ़ का गंभीर खतरा भी उत्पन्न हो गया है।
दर्जनों ट्रैक्टर-ट्रॉली कर रहे प्रतिदिन खनन, ग्रामीणों में दहशत
स्थानीय लोगों के अनुसार, प्रतिदिन दर्जनों ट्रैक्टर-ट्रॉली अवैध रूप से मिट्टी उठाकर ले जा रहे हैं। खनन का यह कार्य पूरी तरह से दिन-दहाड़े और जेसीबी मशीनों की सहायता से किया जा रहा है। नदी के किनारे का तेजी से कटाव हो रहा है, जिससे लक्ष्मीनगर सहित आसपास के गांवों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। बारिश के मौसम में यह स्थिति और भी भयावह हो सकती है।
प्रशासनिक चुप्पी पर सवाल
सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि इस पूरे मामले में प्रशासनिक स्तर पर कोई सख्त कार्रवाई या प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारियों की मौन सहमति के चलते ही यह अवैध खनन बिना रोक-टोक जारी है। इससे यह भी आशंका जताई जा रही है कि बाढ़ की स्थिति में सरकारी तैयारियां केवल कागज़ों तक सीमित रह जाएंगी।
पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभाव की अनदेखी
नदी के प्राकृतिक बहाव में बदलाव से जलस्तर अनियंत्रित हो सकता है, जिससे जलभराव और कटाव जैसी समस्याएं और बढ़ेंगी। यह न केवल खेती-बाड़ी पर असर डालेगा, बल्कि ग्रामीणों के आवासीय इलाकों में भी पानी घुसने का खतरा पैदा करेगा। यह स्थिति सरकार की आपदा प्रबंधन नीति को भी चुनौती देती है।
स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी तय हो
ऐसी गंभीर परिस्थिति में यह आवश्यक हो जाता है कि प्रशासन अविलंब कार्रवाई करे और अवैध खनन पर रोक लगाए। नदी और पर्यावरण के संरक्षण के लिए सख्त निगरानी, जवाबदेही और स्थायी समाधान सुनिश्चित किया जाए, ताकि प्राकृतिक आपदा की आशंका को समय रहते रोका जा सके।