आदर्श महानायकों के अनुसरण से समाज का होगा संपूर्ण विकास… देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती पर CM मोहन ने लिखा ब्लॉग

 

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जन्म जयंती अवसर पर एक ब्लॉग लिखा है. उन्होंने लिखा है आज भोपाल में लोकमाता देवी अहिल्याबाई महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. इसका समूचा दायित्व मातृशक्ति संभाल रही हैं. इस महिला सशक्तिकरण और स्वावलंबन महोत्सव में माननीय यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी भोपाल पधार रहे हैं. मैं मध्यप्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता की ओर से प्रधानमंत्री जी का आत्मिक स्वागत करता हूं.

उन्होंने लिखा कि हमारे लिए यह सौभाग्य की बात है. देवी अहिल्याबाई होलकर ने परिपूर्ण सुशासन व्यवस्था, स्वावलंबी, आत्मनिर्भर समरस समाज, सुरक्षित समृद्ध राज्य का एक आदर्श प्रस्तुत किया है. उन्होंने पूरब से पश्चिम तक और उत्तर से दक्षिण तक करीब 130 विखंडित मंदिरों का जीर्णोद्धार और पुनर्निर्माण किया. देशभर में सांस्कृतिक गौरव की पुनर्प्रतिष्ठा की और देश को एक सूत्र में पिरोया.

महिला स्वावलंबन और सशक्तिकरण

मुख्यमंत्री ने लिखा कि लोकमाता देवी अहिल्याबाई ने महिलाओं के स्वावलंबन और सशक्तिकरण के लिए अभूतपूर्व कार्य किये. एक तरफ उन्होंने महिलाओं की सैनिक टुकड़ी बनाकर सुरक्षा की चौकस व्यवस्था की. वहीं, दूसरी ओर महिलाओं के सामाजिक सम्मान और आत्मनिर्भरता के लिए क्रांतिकारी निर्णय लिये.

उन्होंने महिलाओं को संपत्ति में अधिकार, विधवा को दत्तक पुत्र लेने का अधिकार तथा विधवा पुनर्विवाह के अधिकार प्रदान किये और दहेज प्रथा पर रोक लगाने के नियम बनाये. सेना में बलिदान हुए सैनिकों की पत्नियों के लिये महेश्वर में महेश्वरी साड़ी उद्योग की स्थापना की और महिला समृद्धि का विश्व में कीर्तिमान स्थापित किया. उनके राज्य में होलकर राज्य सुराज, स्वराज, सुशासन, सुव्यवस्था, संपन्नता, विकास और निर्माण का आदर्श रहा.

उन्होंने महेश्वर को शिल्प, कला, संस्कृति, शिक्षा, साहित्य, उद्योग और व्यापार का केन्द्र बनाया और देशभर में विस्तारित किया. उनके शासनकाल में होलकर राज्य प्रभावी सूचना तंत्र, पंचायती राज, न्यायालय, सुरक्षा की चौकस व्यवस्था, सशक्त सेना के साथ ग्रामीण तथा नगरीय नियोजन का उदाहरण बन गया. जीवनभर वे भगवान शिव और समाज के लिए समर्पित रहीं. समाज निर्माण और महिला सशक्तिकरण के लिए अहिल्याबाई होलकर ने जो कार्य किये, वे हमारी विरासत का गौरवपूर्ण हिस्सा हैं.

उन्होंने लिखा कि मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि मध्यप्रदेश सरकार देवी अहिल्याबाई होलकर के त्रि-शती जयंती वर्ष को समारोह पूर्वक आयोजित कर रही है. मध्यप्रदेश में उनके जीवन, कृतित्व और व्यक्तित्व पर आधारित विविध कार्यक्रम संपन्न हुए. इसमें कार्यशालाएं, व्याख्यान, संगोष्ठियां, नाट्य, महानाट्य प्रस्तुति आदि के श्रृंखलाबद्ध आयोजन हुए. हमने प्रयास किया कि बौद्धिक तथा सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से देवी अहिल्याबाई के कार्य, विचार और आदर्श समाज के बीच पहुंचे.

डेस्टिनेशन कैबिनेट की ऐतिहासिक पहल

सीएम ने लिखा कि प्रदेश के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए हमने डेस्टिनेशन कैबिनेट की ऐतिहासिक पहल की है. यह पहल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पर्यटन को बढ़ावा देने की अवधारणा को धरातल पर साकार करती है. आधुनिक विकास के साथ अपनी गौरवशाली विरासत का स्मरण और आदर्श महानायकों से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने के उद्देश्य से हमने लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की स्मृति में दो कैबिनेट बैठकें कीं.

पहली बैठक 24 जनवरी 2025 को महेश्वर के किले में और दूसरी बैठक 20 मई 2025 को इंदौर के राजवाड़ा में संपन्न हुई. पहली बैठक में प्रदेश के 19 पवित्र स्थलों में शराब बंदी लागू करने का निर्णय लिया. इस निर्णय से धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाये रखने के साथ महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण को बल मिलेगा, वहीं दूसरी बैठक में लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने का फैसला लिया गया है.

सीएम यादव ने लिखा कि अहिल्याबाई होलकर ने महिला सशक्तिकरण को लेकर जो दिशा तय की थी, उसे आगे बढ़ाने का कार्य यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने किया है. हमने पुण्यश्लोका, लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के 300वें जन्म जयंती वर्ष में प्रधानमंत्री जी के गरीब, युवा, किसान और नारी (GYAN) पर ध्यान के ध्येय मंत्र को सार्थक करने का प्रयास किया. इस मंत्र के चौथे स्तम्भ नारी के समग्र विकास के लिये देवी अहिल्याबाई नारी सशक्तिकरण मिशन बनाकर कार्य आरंभ किया गया. इस मिशन से प्रदेश की नारी आत्मनिर्भर होंगी, उनके आर्थिक और सामाजिक विकास को गति मिलेगी.

बालिकाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण

उन्होंने कहा कि मिशन के प्रमुख उद्देश्यों में महिलाओं और बालिकाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, आर्थिक विकास एवं सुरक्षा, विभिन्न शासकीय सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करना, महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन के लिए प्रयास करना शामिल है. मिशन के प्रमुख लक्ष्यों में बालिका लिंगानुपात में वृद्धि, बालिका शिक्षा में वृद्धि, मातृ मृत्युदर में कमी लाना, महिला अपराधों में कमी लाना, बाल विवाह रोकना, महिला श्रमबल में वृद्धि करना आदि समाहित है.

सीएम ने यह भी लिखा किमुझे यह बताते हुए संतोष है कि मध्यप्रदेश, देश का पहला ऐसा राज्य है जिसमें शासकीय सेवाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण 33 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत कर दिया है.प्रदेश में लाडो अभियान, शौर्या दल, मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना, मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. सैनिटेशन एवं हाइजीन योजना से प्रदेश की 19 लाख बालिकाओं को आर्थिक संबल दिया गया है.

मुझे पूर्ण विश्वास है कि महिलाओं की यह समृद्धि परिवार, समाज, प्रदेश और राष्ट्र को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी. लोकमाता अहिल्याबाई ने महिलाओं को सबल बनाने के लिए जो प्रयास किये हैं, वो निरंतरता और प्रगति के साथ मध्यप्रदेश की धरती पर आकार लेते हुए दिखाई दे रहे हैं.

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