नौतनवा/महराजगंज (लाल बहादुर जायसवाल): भारत को फिर से विश्वगुरु बनाने के संकल्प के साथ सेवा भारती वर्षों से समाज के उपेक्षित और वंचित वर्ग के बच्चों को वैदिक संस्कृति और सनातन धर्म पद्धति पर आधारित शिक्षण से जोड़ने का कार्य कर रही है। इसी कड़ी में शुक्रवार को नौतनवा ब्लॉक के रतनपुर क्षेत्र से पाँच और गोरखपुर से तीन विद्यार्थियों की टोली को सेवा भारती आर्यमगढ़ (पूर्व में आजमगढ़) तारवां स्थित आवासीय शिक्षण संस्थान में प्रवेश के लिए विदा किया गया।

वैदिक रीति-रिवाज से हुआ बच्चों का सम्मानपूर्वक विदा-
स्थानीय सेवा भारती इकाई द्वारा आयोजित विदाई समारोह में बच्चों को वैदिक परंपरा अनुसार तिलक, चंदन और पुष्प वर्षा के साथ भावभीनी विदाई दी गई। यह कार्यक्रम न केवल बच्चों के उज्ज्वल भविष्य का संदेश लेकर आया, बल्कि उपस्थित जनसमूह में भावनात्मक और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार भी करता दिखा।
राष्ट्रभक्ति और संस्कारों से युक्त शिक्षा का उद्देश्य-
सेवा भारती का उद्देश्य ऐसे बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ना है, जो आर्थिक या सामाजिक रूप से पिछड़े हुए हैं। संस्था उन्हें राष्ट्रभक्ति, सांस्कृतिक गौरव और नैतिक मूल्यों से युक्त शिक्षा देने के लिए विगत कई दशकों से कार्यरत है।
सेवा भारती की प्रतिबद्धता-
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने कहा कि सेवा भारती का यह प्रयास केवल शिक्षा तक सीमित नहीं, बल्कि यह एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण का अभियान है। संस्था यह सुनिश्चित कर रही है कि देश का भविष्य एक सशक्त, संस्कारी और राष्ट्रनिष्ठ नागरिक के रूप में तैयार हो।
समारोह में समाजसेवियों की रही गरिमामयी उपस्थिति-
विदाई समारोह में सेवा भारती महाराजगंज के जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश वर्मा, संरक्षक गोपाल जोशी, उपाध्यक्ष किशोर मधेशिया, पुर्नकालिक संदीप सिंह, प्रधानाचार्य अजय सिंह, सभासद सुनील अग्रहरि, दशरथ प्रसाद, गया प्रसाद, दुर्गेश पासवान, सुरेंद्र कुमार और रुदल चौहान समेत कई सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।