BSP National President Mayawati: यूपी विधानसभा चुनाव 2027 की तैयारी को लेकर पार्टियां एक्शन मोड में आ गईं हैं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस के अहमदाबाद अधिवेशन में पारित प्रस्तावों को ‘राजनीतिक छलावा’ बताते हुए तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि दलित–पिछड़ों के हितों की बातें सिर्फ वोट बैंक की राजनीति के लिए की जा रही हैं, जबकि ज़मीनी हकीकत में कांग्रेस और BJP दोनों ने आरक्षण विरोधी रुख अपनाया है।
मायावती ने आरोप लगाया कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा धारा 340 के तहत ओबीसी आरक्षण की जो नींव रखी गई थी, उसे कांग्रेस ने कभी ईमानदारी से लागू नहीं किया। मजबूरन अंबेडकर को कानून मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। मायावती ने आगे कहा कि ओबीसी आरक्षण को लागू कराने में बसपा की निर्णायक भूमिका रही, जबकि BJP, कांग्रेस और सपा जैसी पार्टियां हमेशा जातिवादी और बहुजन विरोधी सोच से काम करती रही हैं।
1. कांग्रेस पार्टी के अहमदाबाद अधिवेशन में ख़ासकर भाजपा के ’छद्म राष्ट्रवाद’ व दलित एवं पिछड़े बहुजन-हित आदि को लेकर प्रस्ताव छलावा व अविश्वसनीयता से ग्रस्त। इन वर्गों के आरक्षण व अन्य कल्याणकारी संवैधानिक गारण्टियों को लागू करने के मामले में कांग्रेस का रवैया हमेशा छलावापूर्ण।
— Mayawati (@Mayawati) April 9, 2025
राज्यपालों की भूमिका पर SC के फैसले को बताया स्वागतयोग्य
मायावती ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्यपालों की मनमानी पर लगाम लगाने वाले हालिया फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे संविधान की गरिमा, लोकतंत्र और बाबा साहेब के मानवतावादी विचारों को बल मिलेगा। उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में दलित और ठाकुर समुदाय के लोगों की हत्या पर भी उन्होंने चिंता जताते हुए कानून-व्यवस्था सुधारने की मांग की।
3. वास्तव में बाबा साहेब को भारतरत्न से सम्मानित करने से लेकर उनके करोड़ों अनुयाइयों के प्रति कांग्रेस, भाजपा व सपा आदि का रवैया हमेशा ही जातिवादी व बहुजन-विरोधी रहा, जिससे मुक्ति हेतु ही बीएसपी का गठन हुआ, किन्तु अब इन वर्गों के वोटों की खातिर छल व छलावा की राजनीति की जा रही है।
— Mayawati (@Mayawati) April 9, 2025
मायावती ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा- ‘सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्यपालों की मनमानी और राजभवनों के राजनीतिक द्वेषपूर्ण भूमिका पर अंकुश लगाने वाले कल दिए गए चर्चित फैसले का स्वागत। उम्मीद है कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के मानवतावादी और कल्याणकारी संविधान और देश के लोकतंत्र को इससे जरूर मजबूती मिलेगी। बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर द्वारा ओबीसी समाज को धारा 340 के जरिए आरक्षण देने व उसे लागू न करने पर कानून मंत्री पद से इस्तीफा व फिर मण्डल कमीशन की रिपोर्ट के तहत इन्हें आरक्षण दिलाने में बीएसपी की अहम भूमिका जग जाहिर है जबकि कांग्रेस, भाजपा का आरक्षण-विरोधी रवैया सर्वविदित।’
यूपी विधानसभा 2027 की तैयारी में जुटी पार्टियां
लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के बाद से सभी पार्टियों की नजर अब 2027 में होने वाले यूपी विधानसभा और 2029 में होने वाले लोकसभा की तैयारी पर है। ऐसे में बसपा सुप्रीमो मायावती एक बार फिर दलित-पिछड़े-मुस्लिम वोटबैंक की गोलबंदी में जुट गई हैं। उनके हालिया तेवर और कांग्रेस पर बढ़ते हमले 2027 की यूपी विधानसभा चुनाव की दिशा में बहुजन राजनीति के पुनरुत्थान की तैयारी के संकेत दे रहे हैं।