भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का कोई अधिकार दुनिया की किसी ताकत को नहीं: उपराष्ट्रपति धनखड़

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्पष्ट रूप से कहा है कि दुनिया की कोई भी शक्ति भारत को उसके निजी मामलों पर निर्देश नहीं दे सकती। उन्होंने यह टिप्पणी नई दिल्ली में भारतीय रक्षा संपदा सेवा के 2024 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए की।

उन्होंने कहा कि भारत एक संप्रभु राष्ट्र है और इसके सभी निर्णय इसके नेतृत्व द्वारा ही लिए जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि देश वर्तमान में विकसित भारत की दिशा में प्रगति कर रहा है, हालांकि इस राह में विभाजनकारी भावनाएं पैदा करने के प्रयास जैसी कई चुनौतियां भी सामने हैं।

आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक नीति

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए बताया कि भारत ने नागरिकों पर हमला न करने और केवल आतंकवादी ढांचे को लक्ष्य बनाया। उन्होंने इसे भारत के शांति और अहिंसा में विश्वास की नीति का प्रमाण बताया।

उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के बहावलपुर और मुरीदके में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर आतंकियों को स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया जाएगा।

भारत की वैश्विक आर्थिक स्थिति पर टिप्पणी

धनखड़ ने यह भी कहा कि कुछ ताकतें भारत की प्रगति को स्वीकार नहीं कर पा रही हैं क्योंकि जब पूरी दुनिया आर्थिक मंदी से जूझ रही थी, तब भारत की अर्थव्यवस्था मजबूती से आगे बढ़ रही थी।

उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भारत का लक्ष्य केवल आर्थिक विकास नहीं, बल्कि जन-सशक्तिकरण और समग्र मानव विकास भी है। उपराष्ट्रपति ने भारत को विश्व का सबसे अधिक आकांक्षी राष्ट्र करार दिया।

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