मेरी आंखें यहीं खुलीं…भारत में रह रही PAK महिला बोली- मुझे पाकिस्तानी मत कहो

 

नई दिल्ली: भारत सरकार ‘ऑपरेशन खोज’ के तहत अवैध विदेशी नागरिकों की पहचान कर उन पर शिकंजा कस रही है. यूपी पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि इस ऑपरेशन के तहत बरेली में एक पाकिस्तानी महिला के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने कहा कि पाकिस्तान में जन्मी महिला ने दावा किया है कि वह पिछले छह दशक से भी अधिक समय से भारत में रह रही है.

अधिकारियों ने बताया कि महिला के पास आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड जैसे भारतीय दस्तावेज पाए गए, जबकि उसके पास भारतीय नागरिकता नहीं थी.

‘ऑपरेशन जांच’ के तहत अवैध नागरिकों की हो रही पहचान

यूपी पुलिस ने बताया कि गुरुवार को बारादरी के सूफी टोला इलाके में ‘ऑपरेशन खोज’ के तहत चलाए जा रहे अभियान के दौरान एक पाकिस्तानी महिला मिली, जो बिना नागरिकता के भारत में रह रही थी. महिला की पहचान फरहत सुल्ताना उर्फ फरीदा के रूप में हुई है. एसपी मानुष पारीक ने बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) के निर्देश पर यह अभियान शुरू किया गया. उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत क्षेत्र में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी, रोहिंग्या और पाकिस्तानी नागरिकों का पता लगाकर उन्हें वापस उनके देश भेजा जा रहा है.

पाकिस्तान में जन्मी है महिला

अधिकारी ने बताया कि जांच में पता चला कि फरहत सुल्ताना का जन्म पाकिस्तान में हुआ था. उन्होंने कहा कि महिला के पास भारतीय नागरिकता को लेकर कोई भी कानूनी सबूत नहीं था. इसके बावजूद भी उसने कई महत्वपूर्ण भारतीय पहचान दस्तावेज हासिल कर लिए थे. महिला के पास आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड जैसे कई जरूरी दस्तावेज थे. अधिकारियों ने कहा कि बारादरी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर लिया गया है. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. हालांकि महिला का कहना है कि वह भारतीय है.

‘मुझे पाकिस्तानी मत कहो’

एक अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान महिला ने पुलिस से कहा कि मुझे पाकिस्तानी मत कहो. मैं भारतीय हूं. उसने कहा कि हालांकि मेरा जन्म पाकिस्तान में जरूर हुआ था, लेकिन मैं जब आठ महीने की थी तभी बरेली आ गई थी. मैंने कभी पाकिस्तान नहीं देखा. उन्होंने कहा कि मेरी आंखें भारत में खुली. मैं यहीं पली-बढ़ी हूं. मेरा पूरा जीवन इसी देश में बीता है.

64 साल से है इसी देश में

सुल्ताना का जन्म 1961 में पाकिस्तान में हुआ था. लेकिन महिला ने दावा किया कि वह पिछले 64 वर्षों से बरेली में रह रही है. पुलिस का कहना है कि उन्होंने आधार कार्ड और राशन कार्ड जैसे जरूरी दस्तावेजों का उपयोग करके स्थानीय लाभ उठाया है.

अधिकारियों ने कहा कि वैध नागरिकता के बिना भारतीय पहचान दस्तावेज रखना कानूनी अपराध है. उन्होंने कहा कि तथ्यों को स्थापित करने के लिए आगे की जांच की जा रही है.

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