लखनऊ (आनन्द श्रीवास्तव): भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी को उत्तर प्रदेश का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। पार्टी के इस निर्णय को 2024 के लोकसभा चुनाव में पूर्वी उत्तर प्रदेश में अपेक्षाकृत कमजोर प्रदर्शन और 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों से जोड़कर देखा जा रहा है। इसके साथ ही आगामी वर्ष प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को भी नेतृत्व चयन का अहम आधार माना जा रहा है। ऐसे में भाजपा ने एक बार फिर ओबीसी नेतृत्व को आगे बढ़ाकर सामाजिक संतुलन साधने का प्रयास किया है। नए प्रदेश अध्यक्ष के समक्ष चुनौतियां कम नहीं हैं।
नामांकन के बाद पंकज चौधरी ने कहा कि पार्टी जो भी दायित्व सौंपती है, उसका निष्ठा से निर्वहन करना उनका कर्तव्य है और वे कार्यकर्ताओं के साथ हमेशा खड़े रहेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से सांसद रह चुके हैं और वर्तमान में गोरखपुर शहरी सीट से विधायक हैं, जबकि पंकज चौधरी पड़ोसी जिले महाराजगंज से सांसद हैं। इस नियुक्ति के साथ ही प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर लंबे समय से चल रही अटकलों पर विराम लग गया है। पंकज चौधरी भाजपा के 17वें प्रदेश अध्यक्ष बने हैं और प्रदेश की कमान संभालने वाले चौथे कुर्मी नेता हैं।
संगठन और सरकार में अनुभव का लाभ
पंकज चौधरी को संगठन और सरकार दोनों स्तरों पर अनुभवी नेता माना जाता है। वर्ष 2021 से वे केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री हैं और वर्तमान में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री का दायित्व संभाल रहे हैं। पार्टी संगठन में भी उनकी पकड़ मजबूत रही है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार भाजपा नए सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों की तलाश में है। पंकज चौधरी कुर्मी समाज से आते हैं, जिसका प्रदेश के कई जिलों में प्रभाव माना जाता है, और यही कारण है कि पार्टी ने उन्हें आगे बढ़ाया है।
2027 चुनाव और कुर्मी वोट पर फोकस
उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में 2024 के चुनाव में समाजवादी पार्टी को 37, भाजपा को 33, अपना दल को एक, रालोद को दो और आज़ाद समाज पार्टी को एक सीट मिली, जबकि कांग्रेस के छह सांसद चुने गए। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में ब्राह्मण 52 और ठाकुर 49 विधायकों के बाद कुर्मी समाज के 41 विधायक निर्वाचित हुए चौथे नंबर पर 34 विधायक मुस्लिम हैं। कुर्मी जाति के विधायकों में से भाजपा गठबंधन से 27 हैं, जिसमें अपना दल भी शामिल है। वहीं सपा गठबंधन से 13 और एक कुर्मी विधायक कांग्रेस पार्टी से जीतकर सदन पहुंचे हैं। यादव विधायकों की कुल संख्या सदन में 27 है। भाजपा लंबे समय से पिछड़े वर्गों में अपनी पकड़ मजबूत करने की रणनीति पर काम करती रही है। पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाना इसी सामाजिक समीकरण का हिस्सा माना जा रहा है। विधानसभा चुनाव 2027 में पार्टी की निगाह कुर्मी वोट बैंक को साधे रखने और विस्तार देने पर टिकी हुई है, जो उनके नेतृत्व की सबसे बड़ी चुनौती होगी।







