महराजगंज समाचार: एक राष्ट्र, एक चुनाव की अवधारणा में रुचि जगी-समीर त्रिपाठी

नौतनवा/महाराजगंज (आनन्द श्रीवास्तव)। एक राष्ट्र,एक चुनाव की अवधारणा के क्रम में रविवार को नौतनवा के सिख समुदाय की एक बैठक हुई। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष समीर त्रिपाठी रहे।बैठक की अध्यक्षता सरदार मंजीत सिंह ने किया। इस मौके पर भारी संख्या में सिख समुदाय के लोग एवं भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे बैठक को संबोधित करते हुए श्री त्रिपाठी ने कहा कि भारत का लोकतांत्रिक ढांचा अपनी जीवंत चुनावी प्रक्रिया के आधार पर फल-फूल रहा है और नागरिकों को हर स्तर पर शासन को सक्रिय रूप से आकार देने में सक्षम बनाता है।

स्वतंत्रता के बाद से अब तक लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के 400 से अधिक चुनावों ने निष्पक्षता और पारदर्शिता के प्रति भारत के चुनाव आयोग की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया है। हालाँकि, अलग-अलग और बार-बार होने वाले चुनावों की प्रकृति ने एक अधिक कुशल प्रणाली की आवश्यकता पर चर्चाओं को जन्म दिया है। इससे “एक राष्ट्र, एक चुनाव” की अवधारणा में रुचि फिर से जग गई है।

“एक राष्ट्र, एक चुनाव” के इस विचार को एक साथ चुनाव के रूप में भी जाना जाता है, जो लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों को एक ही साथ कराने का प्रस्ताव प्रस्तुत करता है। इससे मतदाता अपने निर्वाचन क्षेत्रों में एक ही दिन सरकार के दोनों स्तरों के लिए अपने मत डाल सकेंगे, एक साथ चुनाव कराने की अवधारणा भारत में नयी नहीं है। संविधान को अंगीकार किए जाने के बाद, 1951 से 1967 तक लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ आयोजित किए गए थे।

लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के पहले आम चुनाव 1951-52 में एक साथ आयोजित किए गए थे। यह परंपरा इसके बाद 1957, 1962 और 1967 के तीन आम चुनावों के लिए भी जारी रही। इस मौके पर पूर्व मंडल अध्यक्ष कृष्ण शंकर सिंह नन्हे सिंह,सरदार विक्की सिंह सहित भारी संख्या में सिख समुदाय के लोग उपस्थित रहे।

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