विभिन्न विभागों की संयुक्त भागीदारी, ब्लैकआउट और बचाव की रणनीतियों का किया जाएगा अभ्यास-
महराजगंज (आनन्द श्रीवास्तव)। युद्ध जैसी विषम परिस्थितियों में आम नागरिकों की सुरक्षा और प्रशासन की तत्परता को परखने के लिए बुधवार को जनपद महराजगंज में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य लोगों को आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार करना और विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित करना है।
मॉक ड्रिल की तैयारी पूरी, रणनीति पर हुआ विचार-विमर्श
इस मॉक ड्रिल को सफल बनाने के लिए अपर पुलिस अधीक्षक आतिश सिंह ने जिले के सभी प्रमुख विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर रणनीति तय की। बैठक में मॉक ड्रिल की रूपरेखा, विभागीय भूमिका और संभावित चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया गया।
गृह मंत्रालय एवं पुलिस मुख्यालय के निर्देशानुसार कल दिनांक 07.05.2025 को जनपद महराजगंज में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी, उक्त माक ड्रिल के संबंध में अपर पुलिस अधीक्षक महराजगंज की बाइट @Uppolice @AdgGkr @diggorakhpur @DmMaharajganj #UPPolice pic.twitter.com/jREjMkW0oQ
— MAHARAJGANJ POLICE (@maharajganjpol) May 6, 2025
सायरन और ब्लैकआउट का होगा अभ्यास
मॉक ड्रिल के दौरान शाम 6:40 बजे सायरन बजेगा, जो खतरे के संकेत के रूप में होगा। इसके बाद 6:50 से 7:00 बजे तक 10 मिनट का ब्लैकआउट (बत्ती गुल) किया जाएगा। इस दौरान पुलिस लाइंस बिल्डिंग और एमसी मेडिकल कॉलेज के सामने अभ्यास किया जाएगा।
नागरिकों को किया जाएगा जागरूक
ड्रिल के दौरान लोगों को यह बताया जाएगा कि युद्ध जैसी स्थिति में आम नागरिकों को क्या करना चाहिए, कहां छिपना चाहिए, कैसे सुरक्षित रहना चाहिए और सुरक्षित स्थानों तक कैसे पहुंचा जाए। खाली करवाने की प्रक्रिया, राहत और बचाव गतिविधियों की भी प्रदर्शनी की जाएगी।
कई विभागों की रहेगी सक्रिय भागीदारी
इस अभ्यास में पुलिस प्रशासन, फायर ब्रिगेड, जिला प्रशासन, परिवहन विभाग, चिकित्सा विभाग, विद्युत विभाग, होमगार्ड सहित कई अन्य विभागों की टीमें भाग लेंगी। सभी विभागों को पहले से निर्देशित कर दिया गया है कि वे अपने-अपने संसाधनों और मानवबल के साथ पूरी तैयारी के साथ मौजूद रहें।
प्रशासन का उद्देश्य: आपदा प्रबंधन में दक्षता
अधिकारियों के अनुसार, इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य केवल अभ्यास भर नहीं, बल्कि आपदा प्रबंधन क्षमता को बढ़ाना और वास्तविक परिस्थितियों में प्रतिक्रिया समय को कम करना है। इससे आम जनता को भी राहत कार्यों और आत्म-सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा सकेगा।