महराजगंज।ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लेमीन (AIMIM) महराजगंज की जानिब से 10 जुलाई 2025, गुरुवार को सुबह 11 बजे एक अहम और दूरअंदेशी सोच से लबरेज़ कार्यक्रम सियासी बेदारी व इत्तेहादे मिल्लत कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है। यह कॉन्फ्रेंस काका मैरेज हॉल, महराजगंज में आयोजित होगी।
इस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य न सिर्फ कौम को सियासी तौर पर जागरूक करना है, बल्कि आपसी इत्तेहाद (एकता) और हक़ की आवाज़ को संगठित रूप देना भी है। इस मौके पर उलमा-ए-कराम, मदरसों के ज़िम्मेदारान, समाजी शख्सियतें और बड़ी तादाद में अवाम की मौजूदगी की उम्मीद की जा रही है।AIMIM ब्लॉक अध्यक्ष युनुस खान (लक्ष्मीपुर, महराजगंज) ने मीडिया से बात करते हुए कहा अब खामोशी कमजोरी नहीं, होशियारी बन चुकी है। मगर वक्त आ गया है कि हर गली, हर गांव से आवाज़ उठे – हम हक़ के साथ हैं, ज़ुल्म के खिलाफ हैं। अगर आज हम न उठे तो कल हमारी नस्लें सिर झुकाकर जियेंगी।उन्होंने आगे कहा कि पहले तालीम से तुम मोड़ दिए जाओगे, फिर किसी जुर्म से तुम जोड़ दिए जाओगे हाथ से हाथ की जंजीर बना कर चलो, वरना धागे की तरह तोड़ दिए जाओगे ।सियासी बेदारी और मुसलमानों की हिस्सेदारी तालीम और तन्ज़ीम की अहमियत कौम के हक़ की आवाज़ को लोकतांत्रिक तरीके से उठाना.
आपसी फूट और बाहरी साज़िशों के खिलाफ एकता का पैग़ाम युवाओं की भागीदारी और उनका मुस्तकबिल युनुस खान ने तमाम जिम्मेदार अवाम, ओलमाए कराम, और तालीमी इदारों से शिरकत की अपील करते हुए कहा यह प्रोग्राम सिर्फ एक मीटिंग नहीं, बल्कि हमारी पहचान, हमारी सियासी मौजूदगी और हमारी आने वाली नस्लों के लिए एक पैग़ाम है। इस कॉन्फ्रेंस को कामयाब बनाना हम सबकी जिम्मेदारी है।