नौतनवा/महराजगंज (आनंद श्रीवास्तव): जिले में खाद की अवैध बिक्री के खिलाफ प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए गणेशपुर रमगढ़वा क्षेत्र में छापेमारी की। यह कार्रवाई भारत-नेपाल सीमा से सटे इलाकों में किसानों की शिकायतों के बाद की गई, जहां पर आरोप था कि दुकानदार खाद की बिक्री में जमकर ओवररेटिंग कर रहे हैं।
इस छापेमारी का नेतृत्व नौतनवा के उपजिलाधिकारी (SDM) और नायब तहसीलदार ने किया। टीम ने क्षेत्र की प्रमुख खाद विक्रय दुकानों — त्रिपाठी एग्रो सेल्स, किसान एग्रो सेल्स और जनता खाद भंडार का औचक निरीक्षण किया।
सरकारी दर से ₹400 महंगा बेचा जा रहा था डीएपी
निरीक्षण के दौरान, शेख फरेंदा निवासी एक किसान ने प्रशासनिक टीम को बताया कि किसान एग्रो सेल्स द्वारा डीएपी खाद की बिक्री ₹1320 के बजाय ₹1720 प्रति बोरी में की जा रही है। इस आरोप की पुष्टि के लिए स्टॉक रजिस्टर और बिक्री रजिस्टर की जांच की गई।
शिकायत के सत्यापन के बाद, प्रशासन ने किसान एग्रो सेल्स को तत्काल सील कर दिया। इस कदम से स्पष्ट संकेत गया है कि प्रशासन अवैध मुनाफाखोरी को बर्दाश्त नहीं करेगा और किसानों के हक की रक्षा के लिए तत्पर है।
किसानों के हक की रक्षा को लेकर सख्त है प्रशासन
प्रशासन की यह कार्रवाई खाद वितरण व्यवस्था में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और किसानों को समय पर उचित मूल्य पर खाद उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई है। उपजिलाधिकारी ने मौके पर कहा कि जिले में कहीं भी खाद की कालाबाज़ारी की सूचना मिली तो इसी प्रकार की सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सभी दुकानों का हुआ विस्तृत निरीक्षण
निरीक्षण के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों ने तीनों दुकानों के स्टॉक पंजी, खरीद रसीद, और खाद की उपलब्धता की भी जांच की। हालांकि फिलहाल केवल किसान एग्रो सेल्स के विरुद्ध ठोस सबूत मिलने पर कार्रवाई की गई है, पर अन्य दुकानों को भी चेतावनी दी गई है कि भविष्य में किसी भी अनियमितता की स्थिति में लाइसेंस निलंबन और विधिक कार्रवाई की जाएगी।