Chief Information Commissioner: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी राज कुमार गोयल देश के अगले मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) के रूप में शपथ दिलाई। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति ने इस पद के लिए गोयल के नाम की सिफारिश की थी। समिति में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी शामिल थे। राष्ट्रपति मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में गोयल को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन और कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह सहित अन्य कई राजनीतिक हस्तियां और अधिकारी भी उपस्थित थे।
गौरतलब है कि पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त हीरालाल सामरिया के सितंबर 2025 में सेवानिवृत्त होने के बाद से मुख्य सूचना आयुक्त का पद खाली था। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली समिति ने बुधवार को हुई बैठक के दौरान केंद्रीय सूचना आयोग में आठ सूचना आयुक्तों के नामों की भी सिफारिश की थी। सूचना कार्यकर्ताओं के मुताबिक नव निर्वाचित मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों के कार्यभार संभालने के साथ ही नौ सालों से अधिक के अंतराल के बाद ऐसा होगा जब आयोग अपनी पूरी क्षमता से काम करेगा।
कौन हैं राज कुमार गोयल
राज कुमार गोयल को सार्वजनिक सेवा में 30 से ज्यादा सालों का अनुभव है और उन्होंने न्याय और आंतरिक सुरक्षा क्षेत्रों में महत्वपूर्ण पद संभाले हैं। गोयल अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम-केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) काडर के 1990 बैच के (सेवानिवृत्त) आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने केंद्र सरकार में तीन दशकों से ज्यादा के अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है, जिससे उन्हें कानूनी, प्रशासनिक और आंतरिक सुरक्षा मामलों में व्यापक अनुभव मिला है।
गृह मंत्रालय में भी दी सेवा
गोयल ने अपनी सेवानिवृत्ति से पहले कानून और न्याय मंत्रालय के तहत न्याय विभाग में सचिव के रूप में कार्य किया। उन्होंने गृह मंत्रालय में सचिव (सीमा प्रबंधन) का पद भी संभाला था, जहां उन्होंने सीमा बुनियादी ढांचे और आंतरिक सुरक्षा समन्वय से संबंधित मुद्दों को संभाला। वह 31 अगस्त को विधि एवं न्याय मंत्रालय के अधीन न्याय विभाग में सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए थे।
बता दें कि मुख्य सूचना आयुक्त, सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत दायर अपीलों और शिकायतों की सुनवाई के लिए जिम्मेदार सर्वोच्च निकाय है, जो सार्वजनिक प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आयोग का नेतृत्व एक मुख्य सूचना आयुक्त करता है और इसमें अधिकतम दस सूचना आयुक्त हो सकते हैं। वर्तमान में आनंदी रामलिंगम और विनोद कुमार तिवारी सूचना आयुक्त के रूप में कार्यरत हैं।






