राजस्थान कफ सिरप मामला: सिरप बनाने वाली कंपनी को क्लिन चिट, बच्चों की मौत के माता-पिता जिम्मेदार

नेशनल डेस्क : राजस्थान में कफ सिरप मामले में सरकार ने जांच के आधार पर डेक्सट्रोमेथॉरफन हाइड्रोब्रोमाइड सिरप बनाने वाली दवा कंपनी केसन्स फार्मा को क्लीन चिट दे दी है। वहीं, नकली दवाएं बनाने वाली कंपनियों को बचाने के आरोप में ड्रग कंट्रोलर राजाराम शर्मा सहित अन्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। इन अधिकारियों पर नकली दवाओं से संबंधित गलत आंकड़े लोकसभा और नीति आयोग को भेजने का भी आरोप है।

मामले का विवरण
राजस्थान के कई इलाकों में डेक्सट्रोमेथॉरफन हाइड्रोब्रोमाइड कफ सिरप के सेवन से कुछ बच्चों की तबीयत बिगड़ गई थी। प्रभावित बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिसमें से एक बच्ची की मृत्यु हो गई। इस घटना के बाद दवा की आपूर्ति पर तत्काल रोक लगा दी गई और इसके सैंपल जांच के लिए भेजे गए। जांच में केसन्स फार्मा की दवाओं में कोई खामी नहीं पाई गई।

ड्रग कंट्रोलर पर कार्रवाई
ड्रग कंट्रोलर राजाराम शर्मा पर नकली दवाओं के आंकड़ों में हेरफेर करने का गंभीर आरोप लगा है। विभागीय जांच में सामने आया कि शर्मा ने न केवल नकली दवाओं को लेकर नई परिभाषा गढ़ी, बल्कि लोकसभा और नीति आयोग को गलत डेटा भेजा। इसके अलावा, विधानसभा में भी गलत आंकड़े पेश करने की तैयारी थी, लेकिन समय रहते यह मामला पकड़ लिया गया। इसके परिणामस्वरूप, शर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।

स्वास्थ्य मंत्री का बयान
राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा, “जिन दवाओं से बच्चों की तबीयत बिगड़ी, वे न तो सरकारी अस्पतालों द्वारा दी गई थीं और न ही हमने ऐसी दवाओं का सुझाव दिया था। अगर कोई अभिभावक बिना डॉक्टर की सलाह के बाहर से दवा लेकर बच्चों को देता है और ऐसी समस्या होती है, तो इसमें स्वास्थ्य विभाग की कोई जिम्मेदारी नहीं है।” उन्होंने आगे कहा कि विभाग द्वारा दी गई दवाओं की जांच पूरी हो चुकी है और उनमें कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई।

कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप
कांग्रेस नेताओं ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने दवा कंपनियों के साथ सांठगांठ कर स्वास्थ्य व्यवस्था को कमजोर किया है। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि सरकार ने ऐसी कंपनियों को दवा आपूर्ति का ठेका दिया, जो जरूरी मानकों को पूरा नहीं करतीं। साथ ही, उन्होंने कफ सिरप से एक बच्ची की मृत्यु पर गहरा दुख जताया और सरकार से इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की।

आगे की कार्रवाई
सरकार ने नकली दवाओं के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए दोषी कंपनियों और अधिकारियों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। जांच एजेंसियां अन्य संदिग्ध दवा कंपनियों की भी जांच कर रही हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

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