नई दिल्ली: भारत में ऑनलाइन गेमिंग की दुनिया में एक बड़ा बदलाव आ गया है। संसद से अगस्त में पारित ऑनलाइन गेमिंग प्रमोशन एंड रेगुलेशन एक्ट, 2025 को देश में लागू कर दिया गया है। 2 अक्टूबर से प्रभावी हुए इस नए कानून के साथ ही, भारत में पैसे वाले ऑनलाइन गेम्स पर पूरी तरह प्रतिबंध लग गया है। यदि कोई व्यक्ति इस प्रतिबंध के बावजूद ऐसे गेम्स खेलता है, तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।
क्यों लाया गया ऑनलाइन मनी गेम्स पर नया कानून?
इस कानून को लाने का मुख्य उद्देश्य ऑनलाइन जुए (Gambling) से जुड़े सामाजिक और वित्तीय जोखिमों को नियंत्रित करना था। हाल के वर्षों में यह देखा गया था कि ऑनलाइन गेमिंग में भारी नुकसान झेलने के बाद कई खिलाड़ी आत्महत्या जैसे गंभीर कदम उठा रहे थे। इसके अलावा, अधिकारियों को यह भी चिंता थी कि इन प्लेटफॉर्म्स का दुरुपयोग मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद को फंड (Terror Funding) करने के लिए किया जा सकता है। इन गंभीर खतरों को रोकने के लिए सरकार ने यह कठोर कदम उठाया है।
प्रमुख गेमिंग प्लेटफॉर्म्स ने बंद किए मनी गेम्स
ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री, जिसकी आय का मुख्य स्रोत पहले पैसे वाले गेम्स थे, अब नए कानूनी नियमों के अनुसार काम करने के लिए मजबूर है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ड्रीम11, MPL और विनजो जैसे देश के प्रमुख गेमिंग प्लेटफॉर्म्स ने अपनी साइट्स से पैसे वाले गेम्स को हटा दिया है। अब वे अपना ध्यान ई-स्पोर्ट्स, सोशल गेमिंग और अन्य इंटरैक्टिव गेमिंग फॉर्मेट पर केंद्रित कर रहे हैं।
सरकार दे रही है ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस नए कानून को इस क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार को मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद को बढ़ावा देने के मामले दिखाई दिए थे, जिसके कारण यह नियम बनाना पड़ा। मंत्री ने कहा कि इंडस्ट्री को यह बात पहले से पता थी, और अगर उन्होंने नुकसान रोकने के लिए कारगर कदम उठाए होते, तो शायद स्थितियाँ अलग होतीं।
मंत्री वैष्णव ने जोर देकर कहा कि जहाँ पैसे वाले ऑनलाइन गेमिंग “एक गंभीर सामाजिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या” बन चुके थे, वहीं ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग पर ध्यान केंद्रित करने से देश में नए अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि भारत में गेम डेवलपमेंट के लिए ग्लोबल हब बनने की अपार क्षमता है।






