मुंबई: महाराष्ट्र में मालेगांव ब्लास्ट और अदालत के फैसले पर अब साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के वकील जेपी मिश्रा का बयान सामने आया है. जेपी मिश्रा ने कहा है कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने जो स्टेटमेंट दिया है वह बेहद महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि साध्वी प्रज्ञा को इस तरह से प्रताड़ित किया गया जिसकी आप कल्पना नहीं कर सकते हैं. यहां तक पीएम मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत को फंसाने तक की साजिश रची गई थी जो नाकाम साबित हुई.
प्रज्ञा ठाकुर के वकील ने आगे बताया कि गिरफ्तारी के पहले साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को एटीएस चौकी में रखा गया. वहां उन्हें पीटा जाता था और इतनी बुरी तरीके से उन्हें मारा गया था कि उन्हें गिरफ्तारी के पहले तीन बार अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था. यह सब कथित पूछताछ के दौरान एटीएस ने किया था. उन्होंने सवाल खड़े करते हुए कहा कि यदि मारा-पीटा नहीं गया होता तो फिर गिरफ्तारी से पहले एटीएस अधिकारियों ने उन्हें अस्पताल में क्यों भर्ती कराया था.
एटीएस के पॉलिटिकल आकाओं के निर्देश पर प्रताड़ना- वकील
वकील ने दावा किया कि एटीएस के पॉलिटिकल आकाओं का निर्देश पर हो रहा था.इसमें उस वक्त के एटीएस चीफ हेमंत करकरे, परमवीर सिंह, ATS अधिकारी खानविलकर, सुवर्ण शिंदे जैसे अफसर शामिल थे. उन्होंने दावा किया कि स्थिति ऐसी थी कि बेहोश होने तक प्रज्ञा ठाकुर को पीटा जाता था और पटक-पटक कर मारा जाता था. उनके सिर को दीवार से टकरा दिया जाता था. चक्की के बेल्ट और लाठियों से पीटा जाता था. यहां तक कि परमवीर सिंह ने भी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को खूब प्रताड़ित किया था.
‘हिंदू आतंकवाद को चाहते थे जोड़ना’
जेपी मिश्रा ने आगे कहा कि जिस प्रकार से 2002 में गुजरात दंगे हुए और उस वक्त की कांग्रेस सरकार कोई सबूत नहीं पेश कर पा रही थी तब हिंदू आतंकवाद और भगवा आतंकवाद की थ्योरी गढ़ी गई. जिसमें साजिशन साध्वी प्रज्ञा से यह लोग नरेंद्र मोदी और मोहन भागवत, इंद्रेश कुमार जैसे नेताओं का नाम कहलवना चाह रहे थे. यदि उस वक्त साध्वी ने दबाव में आकर इन नेताओं का नाम ले लिया होता तो आज स्थिति अलग होती, लेकिन साध्वी किसी भी दबाव में नहीं आईं.
वकील ने आगे कहा कि साध्वी को बेहद अमानवीय उत्पीड़न से गुजरना पड़ा. यहां तक कि उन्हें नग्न कर पीटा गया, गंदी-गंदी बातें कही जाती थी. इसके अलावा गलत तरह की फिल्में भी दिखाई गई. प्रताड़ना की सारी सीमाओं को पार कर दिया गया था.