नेपाल में पकड़ा गया भारत का मोस्ट वांटेड हथियार सप्लायर ‘सलीम पिस्टल’, ISI और दाऊद इब्राहिम से कनेक्शन के मिले सबूत

काठमांडू: भारत के सबसे वांछित अवैध हथियार आपूर्तिकर्ता शेख सलीम उर्फ ‘सलीम पिस्टल’ को नेपाल में गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, सलीम पिस्टल को दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ और भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने नेपाल पुलिस के साथ एक संयुक्त अभियान में गिरफ्तार किया। सलीम वर्षों से पाकिस्तान से भारत में अत्याधुनिक हथियारों की आपूर्ति कर रहा था। जांचकर्ताओं को उसके पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और दाऊद इब्राहिम की डी-कंपनी से जुड़े होने के सबूत मिले हैं।

 

सलीम पिस्टल लॉरेंस बिश्नोई और हाशिम बाबा जैसे शीर्ष गैंगस्टरों को हथियारों का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता था। सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में भी उसका नाम सामने आया था। उसे 2018 में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था, लेकिन बाद में वह विदेश भागने में सफल रहा। हाल ही में, खुफिया सूचनाओं से संकेत मिला कि वह नेपाल में छिपा हुआ है। गुप्त सूचना के आधार पर, सुरक्षा एजेंसियों ने उसका पता लगाया और उसे गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली के सीलमपुर निवासी सलीम का नाम पहले बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में सामने आया था। उसका नेटवर्क भारत और पाकिस्तान में फैला हुआ था।

 

दशकों पुराना है सलीम का आपराधिक करियर

पुलिस के अनुसार, दिल्ली के जाफराबाद निवासी शेख सलीम ने आठवीं कक्षा पूरी करने के बाद स्कूल छोड़ दिया और शुरुआत में ड्राइवर का काम करता था। सलीम का आपराधिक करियर दशकों पुराना है, जिसकी शुरुआत 2000 में वाहन चोरी से हुई थी, जब उसने अपने सहयोगी मुकेश गुप्ता उर्फ काका के साथ मिलकर कई वाहन चुराए थे। उसे 25 मई, 2000 को गिरफ्तार किया गया और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 379, 411 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया। एक दशक से भी ज़्यादा समय बाद, 7 अगस्त, 2011 को जाफराबाद में 20 लाख रुपये की एक हाई-प्रोफाइल सशस्त्र डकैती में उसका नाम सामने आया। अंततः उन्हें 18 सितंबर, 2013 को गिरफ्तार कर लिया गया और उन पर आईपीसी की धारा 395 और 397 के तहत आरोप लगाए गए।

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