नई दिल्ली: राज्यसभा के अंदर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवानों की तैनाती को लेकर विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी, माकपा सांसद जॉन ब्रिटास और द्रमुक सांसद तिरुचि शिवा, शिवसेना (UBT) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी समेत कई नेताओं संसद में सुरक्षा बलों की भूमिका पर सवाल उठाए हैं और इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया है.
कांग्रेस सांसद रेणुका ने सरकार पर हमला करते हुए सवाल किया कि, ‘क्या हम आतंकवादी हैं या नक्सली? उनको तो पकड़ते नहीं, उनका तो कुछ कर नहीं सकते और हमें डराने के लिए CISF ले आए?. उन्होंने कहा ‘वो सोचते हैं कि हम पर ताकत दिखाकर हमें डरा देंगे, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं’. रेणुका ने आरोप लगाया कि संसद में महिलाओं को निशाना बनाया गया, खासकर उन्हें.
‘महिला जब गुस्से में आती है तो…’
इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा ‘वे असली आतंकवादियों को पकड़ नहीं पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले में शामिल लोगों को पकड़ने में उन्हें कितना वक्त लग गया और हमें नहीं पता कि उन्होंने जिन लोगों को पकड़ा, वो असली हैं भी या नहीं. लेकिन वे संसद में आकर महिलाओं को निशाना बना रहे हैं… ये कौन से हीरो हैं? यही इनका स्तर है.रेणुका चौधरी ने धमकी भरे लहजे में कहा, ‘अब खबरदार रहें, महिला जब गुस्से में आती है तो क्या होता है, ये उन्हें देखना होगा’.
#WATCH | Delhi: On deployment of CISF personnel inside Rajya Sabha, Congress MP Renuka Chowdhury says, “… They think they can use power on us and think that we will be scared. They cannot catch the actual terrorists… It took them so long to catch those in (Pahalgam attack).… pic.twitter.com/j263OVOicA
— ANI (@ANI) August 5, 2025
‘क्या हम आतंकवादी या नक्सली हैं’
रेणुका चौधरी ने कहा कि वो सोचते हैं कि CISF बुलाने से हम डर जाएंगे तो ऐसा नहीं हम सिर कटा सकते हैं, लेकिन हम झुकेंगे नहीं. उन्होंने कहा कि हम वेल में खड़े रहेंगे और हमें इसके लिए किसी की इजाजत की जरूरत नहीं है. सांसद ने कहा कि हमने कोई गैरकानूनी काम नहीं किया फिर CISF क्यों आई? क्या हम आतंकवादी हैं या नक्सली?.
माकपा के सांसद ब्रिटास ने जताई नाराजगी
वहीं माकपा के सांसद ब्रिटास ने कहा कि वो रेणुका चौधरी और बाकी सांसदों के खिलाफ की गई कार्रवाई की निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि संसद की सुरक्षा में तैनात जवानों को एक तरफ बैठा दिया गया है और अब ये कह रहे हैं कि यही संसद सुरक्षा है. उन्होंने कहा कि जो लोग वेल में आए, वो संसद की सुरक्षा टीम का हिस्सा नहीं थे, वो CISF से लाए गए लोग हैं सांसद ने कहा कि उन्होंने देश को गलत जानकारी दी है, इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए.
‘विपक्ष की आवाज को पूरी तरह से दबा रहे हैं’
इधर द्रमुक सांसद शिवा ने कहा कि अगर सदन की कार्यवाही को निष्पक्ष तरीके से टेलीविजन पर दिखाया जाए, तो लोगों को पता चलेगा कि हकीकत में सदम के अंदर क्या हो रहा है. वो विपक्ष की आवाज को पूरी तरह से दबा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब सदस्य अपनी बात उठा रहे हैं, तभी CISF के जवान अंदर घुस आ रहे हैं. सांसद ने सवाल किया कि CISF का वहां क्या काम है? वे कह रहे हैं कि वे मार्शल हैं, लेकिन असल में वे CISF के जवान हैं जो मार्शल की वर्दी में हैं. उन्होंने कहा कि हमारे लोकतंत्र का क्या हाल हो गया है?.
‘लोकतंत्र ऐसे नहीं चलता, यह शर्मनाक है’
इसके अलावा शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि महिला सांसदों के साथ पुरुष मार्शल द्वारा दुर्व्यवहार किया गया, यह बेहद अपमानजनक बात है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र ऐसे नहीं चलता, यह शर्मनाक है. प्रियंका ने राज्यसभा के सभापति से माफी की मांग की.