मंगलसूत्र पहना तो रेलवे का इग्जाम नहीं दे पाएंगे! RRB के निर्देश से मचा बवाल

 

मंगलुरु: हाल ही में एक छात्रा को जानिवार पहनने की वजह से सीईटी परीक्षा में बैठने से रोका गया था, जिसने पूरे राज्य में विवाद खड़ा कर दिया. अब इसी तरह का मामला रेलवे विभाग की परीक्षा में भी सामने आया है. रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) ने नर्सिंग अधीक्षक पद की परीक्षा के लिए निर्देश जारी किए हैं, जिसमें मंगलसूत्र और जानिवार जैसे धार्मिक प्रतीकों को परीक्षा केंद्र के अंदर पहनने पर रोक लगाई गई है. एडमिट कार्ड में साफ तौर पर लिखा है कि उम्मीदवारों को इन चीजों को उतारना होगा.

एडमिट कार्ड में साफ निर्देश, उठी नाराजगी
रेलवे विभाग की नर्सिंग अधीक्षक पद की परीक्षा 29 अप्रैल को बोंडेल के बेसेंट विद्याकेन्द्र में आयोजित होगी. इसके एडमिट कार्ड में साफ लिखा है कि परीक्षा केंद्र में मंगलसूत्र और जानिवार पहनने की अनुमति नहीं होगी. इस आदेश को लेकर हिंदू संगठनों ने तीखी नाराजगी जाहिर की है. विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने मांग की है कि इस फैसले को तुरंत रद्द किया जाए.

हिंदू संगठनों ने जताया विरोध, धार्मिक भावनाएं आहत
विश्व हिंदू परिषद सहित कई संगठनों का कहना है कि इस तरह के आदेश से करोड़ों हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं. संगठनों का कहना है कि भारत जैसे हिंदू बहुल देश में इस तरह की नीतियों को सहन नहीं किया जा सकता. वे चाहते हैं कि धार्मिक प्रतीकों के साथ परीक्षा देने की पूरी छूट दी जाए ताकि किसी की आस्था को ठेस न पहुंचे.

रेल मंत्री को दी गई जानकारी, मांगा समाधान
रेलवे परीक्षा में इस नियम को लेकर हो रहे विरोध को देखते हुए दक्षिण कन्नड़ के सांसद बृजेश चौटा ने रेल मंत्री वी. सोमण्णा को पूरे मामले की जानकारी दी. उन्होंने प्रवेश पत्र में दिए गए निर्देशों की ओर मंत्री का ध्यान दिलाया और इस मुद्दे को गंभीरता से लेने की अपील की. इसके बाद रेल मंत्री सोमण्णा ने रेलवे भर्ती बोर्ड के अधिकारियों को आदेश दिया कि मंगलसूत्र और जानिवार उतारने का निर्देश वापस लिया जाए.

ट्विटर पर भी गूंजा मामला, बढ़ा दबाव
सांसद बृजेश चौटा ने ट्विटर पर भी इस मुद्दे को उठाया, जिससे मामला और ज्यादा सुर्खियों में आ गया. उन्होंने ट्वीट कर बताया कि किस तरह एडमिट कार्ड में धार्मिक प्रतीकों को हटाने का आदेश दिया गया है. ट्विटर पर इस मुद्दे को लेकर भारी विरोध हुआ और हिंदू संगठनों ने सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की.

मैंगलोर सहित कई शहरों में परीक्षा, गहरा विवाद
देशभर में रेलवे की यह परीक्षा अलग-अलग केंद्रों पर हो रही है, जिसमें मैंगलोर के बोंडेल स्थित बेसेंट विद्याकेन्द्र भी शामिल है. इसी केंद्र पर परीक्षा के लिए यह नियम लागू किया गया है. विहिप के नेता शरण पम्पुवेल ने भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि रेलवे विभाग को हिंदू धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना चाहिए.

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