दाऊद इब्राहिम को कैसे कवर देता है पाकिस्तान, इस्लामाबाद में तैनात रही पहली भारतीय महिला राजनयिक का बड़ा खुलासा

नई दिल्ली: पाकिस्तान में तैनात रह चुकीं भारत की पहली महिला राजनयिक रुचि घनश्याम ने कहा है कि कराची का हर निवासी भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के ठिकाने से वाकिफ है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में हर कोई जानता है कि दाऊद कहां रहता है, लेकिन कोई भी आधिकारिक तौर पर इस बारे में कुछ नहीं कहेगा। 1993 के मुंबई बम धमाकों के बाद दाऊद भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी बन गया। उस पर कई आतंकी हमलों और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे अपराधों के आरोप हैं। भारत और अमेरिका ने उस पर अल कायदा और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी समूहों को फंडिंग करने का भी आरोप लगाया है।

दाऊद इब्राहिम को कवर देने के लिए कई ठिकाने

पूर्व राजनयिक रुचि घनश्याम ने NDTV क्रिएटर्स मंच पर दाऊद इब्राहिम के बारे में कई जानकारियां दी हैं। वह इस्लामाबाद में तैनात होने वाली पहली भारतीय महिला राजनयिक थीं। उन्होंने कहा, ‘कराची में दाऊद इब्राहिम के ठिकाने के बारे में एक आम आदमी भी जानता है। हमारे ड्राइवर ने एक बार हमसे कहा था कि पहले (पूर्व पाकिस्तानी प्रधान मंत्री) बेनजीर भुट्टो का घर है और अगर आप आगे जाते हैं, तो दाऊद इब्राहिम का घर है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘लेकिन दाऊद के कराची में सिर्फ एक घर नहीं है, उसके कई घर हैं। मुझे थोड़ा आश्चर्य हुआ, लेकिन अब नहीं। पाकिस्तान की प्रकृति सच्चाई को छिपाने की है। हर कोई यह जानता है, लेकिन कोई भी आधिकारिक टिप्पणी नहीं करेगा।’

कई काले कारनामों का सरगना है दाऊद इब्राहिम

दाऊद इब्राहिम एक बहुत बड़े और कई तरह के अवैध कारोबार का सरगना है। 1993 के मुंबई बम धमाकों में 257 लोग मारे गए थे और 700 घायल हुए थे। इसके बाद दाऊद भारत का मोस्ट वांटेड आतंकवादी बन गया। उस पर और भी कई आतंकी हमलों को करवाने और मनी लॉन्ड्रिंग और जबरन वसूली जैसे अपराधों के आरोप हैं। भारत और अमेरिका ने उस पर अल कायदा और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी समूहों को पैसा देने का भी आरोप लगाया है।

जब पाकिस्तान ने माना दाऊद इब्राहिम वहीं छिपा है

भारत का कहना है कि उसके पास इस बात के सबूत हैं कि दाऊद पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर और वित्तीय राजधानी में रह रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने भी इसकी पुष्टि की है। पाकिस्तान ने पहले ओसामा बिन लादेन के भी अपने देश में होने से इनकार किया था। हालांकि, 2020 में पाकिस्तान सरकार ने गलती से या मजबूरी में दाऊद के कराची में होने की बात मान ली थी। अगस्त में एक नोटिफिकेशन जारी करके उसने 26/11 के मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा (JuD) के प्रमुख हाफिज सईद, जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के प्रमुख मसूद अजहर और दाऊद जैसे आतंकी संगठनों के सरगनाओं पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। उसने दावा किया कि दाऊद इब्राहिम कराची में ‘व्हाइट हाउस, नियर सऊदी मस्जिद, क्लिफ्टन’ में रहता है। उसने उसकी अन्य संपत्तियों का पता भी दिया, जिसमें ‘हाउस नंबर 37 – 30वीं स्ट्रीट – डिफेंस हाउसिंग अथॉरिटी, कराची’ और ‘कराची में नूरबाद के पहाड़ी इलाके में आलीशान बंगला’ शामिल थे। हालांकि, बाद में इस्लामाबाद ने इन पतों से किनारा कर लिया और कहा कि यह जानकारी उसकी तरफ से नहीं दी गई।

दरअसल, पाकिस्तान हमेशा से दाऊद के वहां होने से इनकार करता रहा है, लेकिन 2020 में FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के लिए उसको यह जानकारी देनी पड़ी थी। घनश्याम ने कहा, ‘जब पाकिस्तान एफएटीएफ (Financial Action Task Force) की ग्रे लिस्ट से बाहर आना चाहता था, तो यह मामला (दाऊद का ठिकाना) सामने आया। उसके पते FATF की लिस्ट में बताए गए थे। जब भी भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत होती है, तो पाकिस्तान कभी भी आधिकारिक तौर पर कुछ भी स्वीकार नहीं करता है।’

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