शशि थरूर ने कैसे ट्रंप और राहुल गांधी दोनों पर साधा निशाना? दे दिया बड़े-बड़े सवालों का जवाब

नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के एक दावे को लेकर भारत में सियासी बहस छिड़ गई है। दरअसल, ट्रम्प ने दावा किया कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम करवाया है। इस दावे को लेकर कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा।

बता दें कि 10 मई को ट्रम्प ने अचानक ‘ट्रुथ सोशल’ पर घोषणा की कि अमेरिका ने दोनों पक्षों के बीच युद्धविराम करा दिया है। भारत ने कहा कि युद्ध में विराम पाकिस्तानी DGMO ने अपने भारतीय समकक्ष को फोन करने के बाद किया। ट्रम्प के युद्धविराम कराने के दावे को राहुल गांधी ने सियासी हथियार बना लिया है। उन्होंने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने 4 जून को भोपाल में कहा कि ट्रम्प ने वहां (अमेरिका) से एक इशारा किया, फोन किया और कहा ‘मोदी जी, आप क्या कर रहे हैं? नरेंद्र सरेंडर’।

 

ट्रंप-राहुल दोनों के सवालों का जवाब

भारत का पक्ष रखने के लिए इन दिनों शशि थरूर दुनियाभर का दौरा कर रहे हैं। उनके साथ सर्वदलीय दल भी है। इस बीच शशि थरूर ने अपने जवाबों से न सिर्फ ट्रंप बल्कि राहुल गांधी को भी उनके सवालों का जवाब दे दिया है। शशि थरूर के नेतृत्व में एक सर्वदलीय टीम अमेरिका गई और भारत का पक्ष रखा। वहां उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने और सिंधु जल संधि को निलंबित करने की वजह बताई।

मध्यस्थता कराने के लिए नहीं कहा

अमेरिका में थरूर से पूछा गया कि क्या आपको लगता है कि ट्रम्प के लगातार मध्यस्थता के दावे पर भारत ने पर्याप्त दृढ़ता दिखाई है? यही सवाल आपकी पार्टी लगातार पूछती रहती है। थरूर ने जोर देते हुए कहा कि मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि अमेरिकी राष्ट्रपति और राष्ट्रपति के प्रति मेरे मन में बहुत सम्मान है। हम अपने लिए सिर्फ इतना कह सकते हैं कि हमने कभी किसी से मध्यस्थता करने के लिए नहीं कहा।

तब तक संभव नहीं है बातचीत

शशि थरूर ने अमेरिका में कहा कि भारत कभी भी पाकिस्तान के साथ बंदूक की नोक पर बात नहीं करेगा। शशि थरूर ने पाकिस्तान की तुलना ऐसे पड़ोसी से की जो आपके बच्चों को काटने के लिए रोटवीलर (डॉग) छोड़ देता है और उससे भी बुरा करता है और फिर कहता है ‘चलो बात करते हैं। थरूर ने कहा कि जब तक पाकिस्तान रोटवीलर (आतंकवादियों) को बंद नहीं कर देता या उन्हें मौत के घाट नहीं उतार देता, तब तक बातचीत संभव नहीं है।

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