Hanuman Ji Ki Aarti : हनुमान जी की आरती, आरती कीजै हनुमान लला की, दुष्ट दलन रघुनाथ कला

Hanuman Ji Ki Aarti : हनुमान जी इस कलयुग के प्रधान देव हैं और अजर-अमर हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जी का जन्म हुआ था। हर साल इस दिन धूम-धाम से हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस साल हनुमान जन्मोत्सव 10 अप्रैल 2025, शनिवार यानी आज है। हनुमान जन्मोत्सव के दिन बजरंगबली की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। इस दिन हनुमान जी को भक्त प्रसन्न करने के लिए व्रत भी रखते हैं। हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए हनुमान जी की आरती जरूर करें।

Hanuman Ji Ki Aarti : हनुमान जी की आरती-

आरती कीजै हनुमान लला की।

दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥

जाके बल से गिरिवर कांपे।

रोग दोष जाके निकट न झांके॥

अंजनि पुत्र महा बलदाई।

सन्तन के प्रभु सदा सहाई॥

आरती कीजै हनुमान लला की।

दे बीरा रघुनाथ पठाए।

लंका जारि सिया सुधि लाए॥

लंका सो कोट समुद्र-सी खाई।

जात पवनसुत बार न लाई॥

आरती कीजै हनुमान लला की।

लंका जारि असुर संहारे।

सियारामजी के काज सवारे॥

लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।

आनि संजीवन प्राण उबारे॥

आरती कीजै हनुमान लला की।

पैठि पाताल तोरि जम-कारे।

अहिरावण की भुजा उखारे॥

बाएं भुजा असुरदल मारे।

दाहिने भुजा संतजन तारे॥

आरती कीजै हनुमान लला की।

सुर नर मुनि आरती उतारें।

जय जय जय हनुमान उचारें॥

कंचन थार कपूर लौ छाई।

आरती करत अंजना माई॥

आरती कीजै हनुमान लला की।

जो हनुमानजी की आरती गावे।

बसि बैकुण्ठ परम पद पावे॥

आरती कीजै हनुमान लला की।

दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥

 

श्री बालाजी महाराज की आरती- हनुमान जी को श्री बालाजी महाराज भी कहा जाता है।

ॐ जय हनुमत वीरा,

स्वामी जय हनुमत वीरा ।

संकट मोचन स्वामी,

तुम हो रनधीरा ॥

॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥

पवन पुत्र अंजनी सूत,

महिमा अति भारी ।

दुःख दरिद्र मिटाओ,

संकट सब हारी ॥

॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥

बाल समय में तुमने,

रवि को भक्ष लियो ।

देवन स्तुति किन्ही,

तुरतहिं छोड़ दियो ॥

॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥

कपि सुग्रीव राम संग,

मैत्री करवाई।

अभिमानी बलि मेटयो,

कीर्ति रही छाई ॥

॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥

जारि लंक सिय-सुधि ले आए,

वानर हर्षाये ।

कारज कठिन सुधारे,

रघुबर मन भाये ॥

॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥

शक्ति लगी लक्ष्मण को,

भारी सोच भयो ।

लाय संजीवन बूटी,

दुःख सब दूर कियो ॥

॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥

रामहि ले अहिरावण,

जब पाताल गयो ।

ताहि मारी प्रभु लाय,

जय जयकार भयो ॥

॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥

राजत मेहंदीपुर में,

दर्शन सुखकारी ।

मंगल और शनिश्चर,

मेला है जारी ॥

॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥

श्री बालाजी की आरती,

जो कोई नर गावे ।

कहत इन्द्र हर्षित,

मनवांछित फल पावे ॥

॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥

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