गोजए और प्रेस क्लब गोरखपुर ने आयोजित की पत्रकारिता दिवस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी

ए आई से बुद्धिमत्ता जनित पत्रकारिता को खतरा- प्रोफेसर श्री प्रकाश मणि त्रिपाठी-

ए आई बन सकता है भस्मासुर- मनोज तिवारी-

इंटरनेट ने किया स्मृति को कमजोर- प्रोफेसर चितरंजन मिश्र-

पत्रकार शफी आजमी आनंद राय राजीव ओझा सुकीर्ति अस्थाना,दरख्शां ताजवर को मिला प्रतिभा सम्मान-

पहलगाम के शहीदों,पत्रकार बलवंत राय और वशिष्ठ मनी को दी गई श्रद्धांजलि-

 

गोरखपुर (आनन्द श्रीवास्तव): आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने कुछ मानको में पत्रकारिता को सहज बनाने का भ्रम तो दिया है, पर यह बुद्धिमत्ता जनित पत्रकारिता के समक्ष एक संकट के रूप में फैलती जा रही है। इससे वैश्विक रूप से पत्रकारिता के व्यवसायीकरण की संभावना बढ़ जाती है।

उक्त विचार पूर्व कुलपति एवं राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर डॉ. श्री प्रकाश मणि त्रिपाठी ने आज व्यक्त किया। वह गोरखपुर जर्नलिस्ट एसोसिएशन और प्रेस क्लब गोरखपुर के संयुक्त तत्वावधान में पत्रकारिता दिवस पर आयोजित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और पत्रकारिता विषय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे थे।

इस अवसर पर गोजए द्वारा संचालित पत्रकार फूल नारायण धर द्विवेदी स्मृति पुस्तकालय का लोकार्पण भी किया गया। साथ ही गोजए द्वारा अपने सदस्यों को जारी विशेष वाहन स्टिकर का भी लोकार्पण नेपाल से आए लुंबिनी प्रेस क्लब के अध्यक्ष कमल राय मांझी, मंत्री प्रकाश न्योपाने और कोषाध्यक्ष विष्णु भट्टराई ने किया। साथ ही पत्रकार श्री शफी आजमी को स्वर्गीय पत्रकार योगेश्वर सिंह स्मृति सम्मान, पत्रकार आनंद राय को फोटो जर्नलिस्ट स्वर्गीय डीके गुप्ता स्मृति सम्मान, पत्रकार श्री राजीव ओझा को पत्रकार स्वर्गीय धर्मेंद्र मिश्रा स्मृति सम्मान, समाचार वाचिका सुकीर्ति अस्थाना को लोक गायिका स्वर्गीय मैनावती देवी श्रीवास्तव स्मृति सम्मान तथा उर्दू साहित्यकार व पत्रकार श्रीमती दरख्शां ताजवर को स्वर्गीय उर्मिला शुक्ला स्मृति सम्मान प्रदान किया गया।

इस अवसर पर श्री मणि ने कहा की नैसर्गिक बुद्धिमत्ता सामाजिक सरोकारों को बढ़ावा देती है, जबकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सारी सीमाएं खत्म कर देता है। इससे समाचार पढ़ने के लिए नहीं वरन यह समाचार बेचने के लिए ज्यादा कार्य करती है। उन्होंने कहा की संपन्नता की दौड़ में हम अंधे होकर इंटरनेट के गुलाम बन गए हैं।

मुख्य अतिथि राष्ट्रीय सहारा कानपुर के स्थानीय संपादक श्री मनोज तिवारी ने कहा की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस गलत सूचनाओं को सजाकर पेश करता है। अगर यह इसी प्रकार बढ़ता रहा तो सही मायने में यह पत्रकारिता के लिए भस्मासुर बन जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे पत्रकार जागरुक है और वह इसके बहकावे में नहीं आएंगे।

विषय प्रवर्तन के दौरान मेजर डॉक्टर श्री भगवान सिंह ने कहा की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नई ताकत के रूप में उभर रहा है। इसके नकारात्मक प्रभावों को ध्यान में रखना होगा, चूक हुई तो गलत सूचना का प्रचार होगा। यह पत्रकारिता के लिए घातक होगी या ताकत, यह विचार का विषय है।

मुख्य वक्ता प्रोफेसर चितरंजन मिश्रा ने कहा कि आज का दौरा शब्दों की अवधारणाओं के अवमूल्यन का समय है। इस सोशल मीडिया इंटरनेट ने हमारी स्मृति को कमजोर कर दिया है। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को भाषा और विचार के विकास की सबसे क्रूर दगाबाजी की संज्ञा दी। उन्होंने कहा की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने सूचना क्रांति को सूचना भ्रांति के रूप में परिवर्तित कर दिया है।

विशिष्ट वक्ता वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक नारायण धर दुबे ने कहा की सवाल है कि क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पत्रकारों की दोस्त है या विरोधी? हम जिस प्रकार न्यायालय कक्ष में सच का प्रमाण देते हैं वैसे ही पत्रकारिता में भी सतर्कता के साथ सच को परोसना होगा।

नेपाल से आए लुंबिनी प्रेस क्लब के अध्यक्ष ने भारत और नेपाल के पत्रकारों के इस संयुक्त गोष्ठी की सराहना की उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज पूरे विश्व के सामने नकारात्मकता फैला रहा है।इसके साथ बहुत ही सतर्क होकर इसका प्रयोग करना होगा।

इस अवसर पर गोरखपुर जर्नलिस्ट एसोसिएशन के संरक्षक डॉक्टर एसपी त्रिपाठी, वरिष्ठ पत्रकार जगदीश लाल, कामिल खान, एसपी सिंह, अखिलेश चंद, उमेश तिवारी, सहित गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब की समस्त कार्यकारिणी को सम्मानित किया गया।

इस दौरान श्री अजय शाही, प्रमोद टेकरीवाल, प्रदीप सुविज्ञ, मनोज यादव, अजीत यादव,अरविंद राय,कुंदन उपाध्याय,गायक राकेश श्रीवास्तव, जेल सुपरिंटेंडेंट श्री दिलीप कुमार पांडे, दवा व्यावसायी संघ के दिलीप सिंह, राजीव रस्तोगी, शिक्षक नेता कुंवर महेश चंद्र दुबे, मिथिलेश तिवारी और रामेंद्र प्रताप चंद, जितेंद्र सैनी,दामोदर उपाध्याय सहित बड़ी संख्या में सदस्य और गणमान्य लोग उपस्थित थे. कार्यक्रम का सफल संचालन मृत्युंजय नवल और सुषमा श्रीवास्तव ने किया।

कार्यक्रम के समापन पर पहलगाम के शहीदों और सीमा पर शहीद हुए जवानों और सीमावर्ती लोगों के साथ पत्रकार बलवंत राय और पत्रकार वशिष्ठ मुनि को श्रद्धांजलि अर्पित कर 2 मिनट का मौन रखा गया तथा राष्ट्रगान के साथ समारोह समाप्त हुआ।

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