पुलवामा से गोरखनाथ मंदिर हमले तक… आतंकियों के लिए ई-कॉमर्स बना नया हथियार

 

नई दिल्ली: दुनिया की टेरर फाइनेंसिंग पर नजर रखने वाली संस्था FATF (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) ने एक बड़ा खुलासा किया है. FATF की नई रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकवादी संगठन अब ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स और ऑनलाइन पेमेंट सर्विसेस का जमकर दुरुपयोग कर रहे हैं. ये प्लेटफॉर्म अब आतंक की फंडिंग और तैयारियों का अहम जरिया बनते जा रहे हैं.

रिपोर्ट में भारत के दो बड़े मामलों का ज़िक्र भी किया गया है. इसमें 2019 का पुलवामा हमला है, जिसमें CRPF के 40 जवान शहीद हुए थे. दूसरा 2022 का गोरखनाथ मंदिर हमला, जिसमें एक आईएसआईएस समर्थक ने हमला किया था. दोनों मामलों में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और डिजिटल ट्रांजैक्शन्स के जरिए टेरर फाइनेंसिंग के सबूत मिले हैं.

ई-कॉमर्स से विस्फोटक मंगाया गया

FATF ने रिपोर्ट में बताया कि भारत में हुए एक आतंकी हमले के लिए Amazon जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके एल्युमिनियम पाउडर मंगाया गया था, जो IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) का अहम हिस्सा था. इससे ब्लास्ट का प्रभाव कई गुना बढ़ गया.

गोरखनाथ मंदिर हमला: पेपाल और VPN से फंडिंग

FATF ने 2022 में हुए गोरखनाथ मंदिर हमले की भी विस्तृत केस स्टडी दी है. रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी ने PayPal के जरिए करीब ₹6.7 लाख की रकम विदेश भेजी थी. उसने कई VPN सर्विसेस का इस्तेमाल करके अपनी लोकेशन छिपाई और ISIS समर्थकों को पैसा भेजा. उसने VPN के लिए भी भुगतान किया था और PayPal से कुल 44 इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन किए गए. बाद में इन संदिग्ध गतिविधियों को देखते हुए PayPal ने उसका अकाउंट सस्पेंड कर दिया.

पाकिस्तान पर फिर उठा सवाल

  1. FATF की रिपोर्ट में अप्रत्यक्ष रूप से राज्य प्रायोजित आतंकवाद (State-sponsored terrorism) की ओर भी इशारा किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, कुछ राष्ट्रीय सरकारें आतंकवादी संगठनों को सीधे या परोक्ष रूप से वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और लॉजिस्टिक मदद देती रही हैं.
  2. भारत लंबे समय से पाकिस्तान पर ऐसे आरोप लगाता रहा है कि वो आतंकियों को पनाह देने और उन्हें आर्थिक मदद देने का काम करता है. भारत की मांग रही है कि पाकिस्तान को FATF की “ग्रे लिस्ट” में दोबारा डाला जाए.

ऑनलाइन पेमेंट सर्विसेज आतंकियों की नई पसंद

FATF ने बताया कि पिछले 10 सालों में ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफॉर्म्स और फिनटेक कंपनियों की बढ़त ने आतंकियों को सस्ता, तेज और कम ट्रेस होने वाला विकल्प दिया है. इन प्लेटफॉर्म्स से आतंकी अब छोटे-मोटे सामान बेचकर भी फंड जुटा रहे हैं. 3D प्रिंटेड हथियार, केमिकल्स जैसे मटीरियल खरीद रहे हैं. भीड़-भाड़ वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए डोनेशन भी ले रहे हैं.

  • FATF की चेतावनी:FATF ने सभी सदस्य देशों को चेताया है कि उन्हें ई-कॉमर्स, P2P पेमेंट और VPN यूसेज पर सख्त नजर रखनी होगी. ये प्लेटफॉर्म्स अब सिर्फ शॉपिंग या डिजिटल पेमेंट तक सीमित नहीं हैं, बल्कि आतंकियों के लिए हथियार और पैसा जुटाने का नया जरिया बन गए हैं.

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