इंटरनेशनल डेस्क: ईरान इजराइल जंग के 9 दिन पूरे होने के साथ-साथ ईरान अधिकारियों ने एक बड़ी जानकारी दी कि ईरान के सुप्रीम लीडर ने अपने उत्तराधिकारी के लिए तीन नामों का चयन किया है. ईरान की और से इस जानकारी का विस्तार नहीं बताया गया है कि वह तीन मौलवी कौन हैं, जिनमें से एक ईरान का अगला सुप्रीम लीडर होगा. इसके पीछे सुरक्षा कारण तो है ही, लेकिन सत्ता पर ईरानी हार्डलाइनर की पकड़ को मजबूत रखना भी हो सकता है.
अली खामेनेई की उम्र 86 साल की हो गई है, उनके उत्तराधिकारी को लेकर ईरान में बहस लंबे से समय से हैं. अब जब इजराइल और अमेरिका ने उनकी हत्या की धमकी दी है, तो ये चिंता और बढ़ गई है. जानकारों का मानना है कि अमेरिका और इजराइल ईरान में शासन परिवर्तन करा अपनी पसंद का नेता रखना चाहता है, जिसके लिए वह सुप्रीम लीडर की हत्या करा सकते हैं.
ईरान के सुप्रीम लीडर की हत्या कराना अमेरिका के लिए नया नहीं होगा, वह ऐसा लीबिया, सीरिया और मिस्र जैसे देशों में कर चुका है. इस खतरे से निपटने के लिए अली खामेनेई ने भी कह दिया है कि मेरी जान की कोई कीमत नहीं, लेकिन मेरे बाद भी इस्लामिक राष्ट्र को अपनी प्रतिबद्धताओं पर खड़ा रखना है. खामेनेई के इस सपने को सच करने के लिए ईरान को खामेनेई जैसी ही विचारधारा के नेता को अगला सुप्रीम लीडर चुनना होगा.
आसान नहीं होगा सुप्रीम लीडर चयन
ईरान में सुप्रीम लीडर के लिए चयन आसान नहीं होगा, क्योंकि इसके लिए पहले से कई दावेदार हैं. ऐसे में युद्ध के दौरान नाम उजागर करना देश में अंदरूनी कलह पैदा कर सकता है. सोशल मीडिया पर अपने आप को ईरान का क्राउन प्रिंस कहने वाले रजा पहलवी पहले ही ईरान के लोगों से अपील कर चुके हैं कि वह ईरान के शासन के खिलाफ क्रांति शुरू करें. ऐसे में माना जा रहा है मोसाद के डर के साथ-साथ इन तीन नामों को उजागर न करने के पीछे अपनो का खौफ भी हो सकता है.
मोसाद की टारगेट किलिंग
शुक्रवार को अपने हमले शुरू करने के बाद से ही इजराइल ने ईरान के 30 से ज्यादा कमांडरों और नेताओं की हत्या कर दी है. वहीं नागरिकों की मौत के साथ ईरान में हताहतों की संख्या 400 से ऊपर जा चुकी है. वहीं ईरान के जवाबी हमले में इजराइल में लगभग 24 लोग मारे गए हैं.