नई दिल्ली: Horticulture: हिमाचल प्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में अब छात्र बागवानी के बारे में पढेंगे. इस संबंध की घोषणा शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने की है. असल में स्कूल पाठ्यक्रम में बागवानी विषय को शामिल किए जाने का फैसला शिक्षा विभाग में हुई एक समीक्षा बैठक में लिया गया है.
हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में बागवानी विषय पढ़ाने का फैसला क्यों लिया गया है? इससे छात्रों को क्या फायदा होगा? आइए इसे विस्तार से समझते हैं.
वोकेशनल विषय के तौर पर पढ़ाया जाएगा
हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में हाॅर्टिकल्चर यानी बागवानी वोकेशनल विषय के तौर पर पढ़ाया जाएगा. मसलन, बागवानी अब हिमाचल प्रदेश में नया वोकेशनल विषय होगा. ये वोकेशनल विषय सिर्फ हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड से संबद्ध स्कूलों में ही पढ़ाया जाएगा. आसान शब्दों में समझें तो राज्य सरकार की तरफ से संचालित स्कूलों में ही बागवानी वोकेशनल विषय पढ़ाया जाएगा. सीबीएसई समेत अन्य बोर्डों से संबद्ध स्कूलाें में ये विषय नहीं पढ़ाया जाएगा.
अब बोर्ड तैयार करेगा करिकुलम
हिमाचल प्रदेश में बागवानी को वोकेशनल विषय के तौर पर पढ़ाने का फैसला तो लिया गया है, लेकिन फिलहाल इसका करिकुलम तैयार नहीं किया गया है. राज्य के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने राज्य शिक्षा बोर्ड को बागवानी वोकेशनल विषय के लिए उपयुक्त करिकुलम तैयार करने का कार्य सौंपा है. इसके लिए बोर्ड को प्रस्ताव जमा करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है.
बागवानी विषय कैसे छात्रों के लिए होगा मददगार
हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में वोकेशनल विषय के तौर पर बागवानी ही पढ़ाने का फैसला क्यों लिया गया है? इससे छात्रों को क्या फायदा होगा? इन सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करें तो इसके लिए हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था और इकोसिस्टम को समझना होगा. असल में हिमाचल प्रदेश देश का एक प्रमुख हिमालयी राज्य है. यहां की तासीर ठंडी है. तो वहीं इस इकोसिस्टम में हिमाचल प्रदेश के अंदर बागवानी एक उद्योग के तौर पर विकसित हुई है, जो मौजूदा समय में राज्य की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार है.
मसलन, हिमाचल प्रदेश में सेब समेत दूसरी बागवानी उत्पादों का उत्पादन बड़ी मात्रा में होता है, जो बड़ी आबादी के रोजगार का प्रमुख स्त्रोत भी हैं. ऐसे में स्कूल में बागवानी को वोकेशल विषय को पढ़ाए जाने से छात्रों को इसकी वैज्ञानिक शिक्षा के साथ जोड़ा जा सकेगा. तो वहीं इससे राज्य में बागवानी विकास में भी मदद मिल सकेगी.