नई दिल्ली: एनसीईआरटी (NCERT) ने कक्षा 8वीं की सामाजिक विज्ञान की किताब में मराठा साम्राज्य के नक्शे को लेकर चल रहे विवाद पर एक्सपर्ट कमिटी बनाने का फैसला किया है. किताब में राजस्थान के कुछ हिस्सों को मराठा साम्राज्य के अंतर्गत दिखाया गया है. इसे कुछ लोगों ने ऐतिहासिक तौर पर गलत बताया है. खासकर जैसलमेर के संबंध में आरोप लगाया गया कि वहां कभी मराठों का कब्जा या प्रभाव नहीं था.
एनसीईआरटी ने बताया है कि ऐसी स्थिति में जब किसी किताब के कंटेंट पर बड़ी प्रतिक्रिया मिलती है, तो हमेशा एक उच्चस्तरीय विशेषज्ञ समिति बनाया जाता है. यह समिति उपलब्ध सामग्री के आधार पर सभी जानकारी को जांचेगी और उचित कदम उठाने की सिफारिश करेगी. इस बार भी यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी और रिपोर्ट जल्द से जल्द तैयार की जाएगी.
जैसलमेर के शाही परिवार ने उठाए थे सवाल
विवाद की शुरुआत तब हुई जब जैसलमेर शाही परिवार के चैतन्य राज सिंह ने सोशल मीडिया पर कहा कि कक्षा 8वीं की किताब में जो मार्किंग की गई है, वह इतिहास के खिलाफ है. कोई भी विश्वसनीय स्रोत नहीं बताता कि जैसलमेर पर कभी मराठा राज था या मराठों का कोई शासन-प्रशासन वहां था. उन्होंने इसे गैर-तथ्यात्मक और गंभीर रूप से आपत्तिजनक बताया.
विभाग के प्रमुख ने कहा- रिसर्च चल रही
एनसीईआरटी के सामाजिक विज्ञान विभाग के प्रमुख मिशेल डेनिनो ने कहा कि नक्शे की सीमा सही है या नहीं, इस पर और रिसर्च चल रही है. अगर कोई गलती पाई गई तो भविष्य में किताब में संशोधन किया जाएगा. नक्शा पुराने और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नक्शों के आधार पर बनाया गया है, जो मराठा अधिकार वाली जगहों समेत उन राज्यों को भी दिखाते हैं जो मराठों को टैक्स देते थे या उनके साथ किसी समझौते में थे.डेनिनो ने यह भी माना कि नक्शे में कुछ सीमाएं तय कर पाना आसान नहीं होता क्योंकि उस समय की राजनैतिक स्थिति बहुत जटिल और लगातार बदलती रहती थी. इसलिए एक नक्शा पूरी कहानी नहीं बता सकता. उन्होंने यह भी कहा कि समय की कमी के कारण किताब के लेखक हर प्राइमरी स्रोत पर नई रिसर्च नहीं कर पाते और भरोसेमंद सेकेंडरी स्रोतों पर निर्भर रहते हैं.
किताब में नक्शों पर नहीं लगी थी चेतावनी
कक्षा 7वीं की किताब में नक्शे के ऊपर ये चेतावनी लगी है कि नक्शे की सीमाएं अनुमानित हैं, पर कक्षा 8 की किताब में यह चेतावनी शामिल नहीं की गई है. डेनिनो ने स्वीकार किया कि सभी नक्शों के ऊपर यह चेतावनी होनी चाहिए थी ताकि पढ़ने वाले इसे समझ सकें.