हिन्दू धर्म में वास्तु शास्त्र के अनुसार, जिस घर में शादी होने वाली है, वहां सकारात्मक ऊर्जा का होना बहुत जरूरी है. ऐसे बहुत से लोग हैं जो अच्छे कामों में बाधा डालते हैं और कई लोगों के वैवाहिक जीवन में भी बाधा उत्पन्न कर सकते हैं. शादी के घर में सकारात्मक ऊर्जा के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. उदाहरण के लिए जिस घर में शादी होने वाली है, वहां ऐसी चीजें रखनी चाहिए जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे. घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाने के लिए घर के दरवाजे पर हल्दी और चावल से स्वस्तिक बनाया जाता है. हल्दी का प्रयोग शादियों में भी व्यापक रूप से किया जाता है. इसके साथ ही शाम को विवाह स्थल पर घी का दीपक जलाना शुभ माना जाता है.
विवाह वाले घर में घी या सरसों का दीपक जलाने से उस घर में सकारात्मकता बनी रहेगी. इसके साथ ही विवाह वाले घर में वाद-विवाद और मतभेद से बचें ताकि घर का माहौल खराब न हो. इसके अलावा तुलसी, मनी प्लांट, पीस लिली जैसे पौधे घर का माहौल सकारात्मक बनाए रखते हैं. इसी तरह वास्तु शास्त्र के अनुसार जिस घर में शादी होनी है, वहां कुछ चीजें नहीं रखनी चाहिए, वरना वास्तु दोष उत्पन्न होने का खतरा हो सकता है. आइए जानें शादी वाले घर में कौन सी चीजें नहीं रखनी चाहिए.
इन बातों का रखें ध्यान
वास्तु शास्त्र के अनुसार, हर चीज किसी न किसी ऊर्जा से जुड़ी होती है. कौन सी ऊर्जा का उपयोग कब किया जाए, इसका भी समय रहते निर्णय लिया जाना चाहिए. उदाहरण के लिए, युद्ध, युद्धभूमि या महाभारत से संबंधित तस्वीरें विवाह घर में नहीं लगानी चाहिए. इससे घरेलू कलह और वाद-विवाद बढ़ सकता है. इसके साथ ही घर का माहौल भी नकारात्मक नहीं होता. जिस घर में शादी होनी है, वहां कांटेदार या नुकीले पौधे नहीं रखने चाहिए. विशेषकर जिस स्थान या कमरे में आप हल्दी, मेहंदी, कत्था आदि अनुष्ठान करने जा रहे हैं, वहां कांटेदार या अन्य पौधे न रखें. ऐसा करने से वास्तु संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.
दक्षिण दिशा का महत्व
दक्षिण दिशा को यमराज और पितरों की दिशा कहा जाता है, इसलिए दक्षिण दिशा में दर्पण नहीं लगाना चाहिए. इसके कारण घर के लोगों के मन में नकारात्मक भावनाएं घर कर सकती हैं. दक्षिण दिशा में दर्पण लगाने से कई प्रकार के वास्तु दोष उत्पन्न हो सकते हैं. जिस घर में शादी होनी है, वहां से सूखे फूल या सूखे फूलों की माला हटा देनी चाहिए. अक्सर, मृतक रिश्तेदारों की तस्वीरों या प्रार्थना कक्ष में रखी देवी-देवताओं की मूर्तियों पर फूलों की मालाएं कई दिनों तक लटकी रहती हैं.