लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर भेदभाव और नफरत की राजनीति करने का आरोप लगाया। सपा मुख्यालय से शनिवार को जारी बयान में यादव ने कहा, “भाजपा सरकार में पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, महिलाएं और पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समुदाय हर स्तर पर भेदभाव का शिकार हो रहे हैं।” उन्होंने भाजपा सरकार और उसके नेताओं पर भेदभावपूर्ण और अलोकतांत्रिक रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार संविधान विरोधी कार्य कर रही है और जनता सब कुछ देख रही है।
यादव ने कहा, ”जनता ने लोकसभा चुनाव में भाजपा के सांप्रदायिक और नफरत भरे एजेंडे की हवा निकाल दी है। अगली बार कुछ लोगों का भूत बूथों पर उतर जाएगा।” पूर्व सीएम ने कहा, ”भाजपा सरकार ने नौ साल के कार्यकाल में किसानों, नौजवानों और महिलाओं को धोखा दिया है। विकास और रोजगार के लिए कोई कदम नहीं उठाया। महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है। सपा प्रमुख ने कहा, ”भाजपा ने जनता से झूठे वादे किए थे और सरकार के पास जनता से जुड़े सवालों का कोई जवाब नहीं है। आज नौजवानों के पास नौकरी और रोजगार नहीं है। भाजपा सरकारी विभागों का निजीकरण कर नौकरियां और आरक्षण खत्म कर रही है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों को खाद, पानी और कीटनाशक दवाएं तक नहीं मिल रही हैं। प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। अपराधियों और अराजक तत्वों को कानून का कोई डर नहीं है, इस सरकार में बच्चियां भी सुरक्षित नहीं हैं। अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि सरकार की विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए संवैधानिक पदों पर बैठे लोग अपनी भाषा और पद की मर्यादा भूलकर संविधान और लोकतंत्र विरोधी कार्य कर रहे हैं, लेकिन जनता अब भाजपा को और बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है।