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Air India Plane Crash: 241 यात्रियों की मौत का जिम्मेदार कौन? Plane Crash की प्राइमरी रिपोर्ट में होगा खुलासा

Air india plane crash: 241 यात्रियों की मौत का जिम्मेदार कौन? Plane crash की प्राइमरी रिपोर्ट में होगा खुलासा

नई दिल्ली/अहमदाबाद: भारत में बीते एक दशक का सबसे भीषण विमान हादसा 12 जून को अहमदाबाद में घटित हुआ, जब एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 टेकऑफ के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस भयावह घटना में 241 यात्रियों सहित कुल 260 लोगों की जान चली गई। अब, इस हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट आज, शुक्रवार 11 जुलाई को सार्वजनिक किए जाने की संभावना है, जिससे हादसे के पीछे की वजहों पर पहली झलक मिल सकती है।

30 दिनों की समयसीमा और ICAO के नियम
इस प्रारंभिक रिपोर्ट का आना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (ICAO) के दिशा-निर्देशों के अनुसार, सदस्य देशों को किसी भी विमान हादसे के 30 दिनों के भीतर एक प्रारंभिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होती है। भारत, हालांकि स्वतंत्र राष्ट्र है और बाध्य नहीं है, लेकिन वह ICAO के दिशा-निर्देशों का पालन करने की कोशिश करता है। इस दिशा में विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने संसद की एक समिति को हाल ही में सूचित किया था कि वे दो से तीन दिनों के भीतर यह रिपोर्ट जारी करने की योजना पर काम कर रहे हैं।

दुनिया भर को झकझोर देने वाला हादसा
12 जून को एयर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान, जो अहमदाबाद से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट की ओर जा रहा था, उड़ान भरने के कुछ ही क्षणों में नियंत्रण खो बैठा। विमान सीधे अहमदाबाद के एक घनी आबादी वाले क्षेत्र में स्थित मेडिकल हॉस्टल पर गिर पड़ा। विमान में सवार सभी 241 यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि ज़मीन पर मौजूद 19 अन्य लोगों की भी जान चली गई। यह दुर्घटना न सिर्फ भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हालिया वर्षों की सबसे बड़ी नागर विमानन त्रासदी मानी जा रही है। भारत में इससे पहले इतना बड़ा हवाई हादसा तीन दशक पहले देखा गया था।

जांच का फोकस 
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रारंभिक जांच में विशेषज्ञों का ध्यान विशेष रूप से विमान के “इंजन फ्यूल कंट्रोल स्विच” यानी ईंधन नियंत्रण स्विच पर केंद्रित है। यह सिस्टम विमान के दोनों इंजनों को सही तरीके से ईंधन देने और उन्हें नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार होता है। सूत्रों के अनुसार, अभी तक किसी बड़ी यांत्रिक विफलता के स्पष्ट संकेत नहीं मिले हैं, लेकिन जांचकर्ता यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि कहीं ईंधन नियंत्रण स्विच के संचालन में कोई गड़बड़ी तो नहीं हुई। इस संबंध में, जांचकर्ता पायलटों की हैंडलिंग, स्विच की स्थिति और इंजन में ईंधन की आपूर्ति की टाइमिंग का विश्लेषण कर रहे हैं।

प्रारंभिक रिपोर्ट में क्या हो सकता है शामिल?
हालांकि रिपोर्ट की सामग्री को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन यह अपेक्षित है कि इसमें निम्नलिखित पहलुओं पर प्रकाश डाला जाएगा:

-विमान की टेक्निकल स्थिति और फ्यूल सिस्टम का विश्लेषण
-फ्लाइट क्रू की कार्रवाइयों और निर्णयों की समीक्षा
-मौसम संबंधी स्थितियों की भूमिका
-एयर ट्रैफिक कंट्रोल द्वारा की गई प्रतिक्रियाएं
-उड़ान के दौरान दर्ज ब्लैक बॉक्स और वॉयस रिकॉर्डर की प्रारंभिक जानकारी

प्रारंभिक रिपोर्ट में किसी निष्कर्ष तक पहुंचने की संभावना कम होती है, लेकिन यह रिपोर्ट आगे की विस्तृत जांच की दिशा तय करने में निर्णायक भूमिका निभाएगी। विस्तृत रिपोर्ट कुछ महीनों बाद जारी की जाएगी, जिसमें तकनीकी विवरण, सुरक्षा प्रक्रियाएं, पायलट प्रशिक्षण, और अन्य कारकों की गहन समीक्षा होगी।

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