शख्स ने दिखाई नैनीताल की सच्चाई, छुट्टी के दिन बुरा है हाल, होटलों में भी हो रही है खूब चेकिंग

नई दिल्ली: जैसे ही वीकेंड आता है, वैसे ही हम हिल स्टेशन जाने की सोचने लगते हैं, क्योंकि गर्मियों का मतलब है ठंडी जगह और ठंडी जगह का मतलब है पहाड़ियां, जिसे आप या तो हिमाचल में देख सकते हैं या फिर उत्तराखंड में। और अभी तो बार-बार लॉन्ग वीकेंड भी आ रहा है, ऐसे में पर्यटक दिल्ली के आसपास वाले हिल स्टेशन सबसे ज्यादा जा रहे हैं, अगर बात करें नैनीताल की तो ये तो लोगों का मानों दूसरा ससुराल बन चुका है। जैसे ही दो या तीन दिन की लगातार छुट्टियां पड़ती हैं, लोग नैनीताल निकल पड़ते हैं।

ऐसे में यहां बनती है फिर टूरिस्ट की बाढ़ जैसी स्थिति, जिसमें लोग भर-भरकर आते हैं, ऐसा ही कुछ कल देखने को मिला, जिसे देख एक शख्स ने वीडियो बनाकर वीकेंड की सच्चाई दिखाई। चलिए आपको बताते हैं, अगर जा रहे हैं तो कैसे भीड़ से आपको बचना है। (photo credit:video grab – theguyfromnainital@insta)

 

क्या कहा शख्स ने वीडियो में

नैनीताल से कालाढूंगी तक काफी ज्यादा ट्रैफिक देखने को मिल रहा है। शख्स का कहना है कि आप जहां तक नजर दौड़ाएंगे वहां तक गाड़ियों की लंबी लाइन लगी हुई है, उनका कहना है वीकेंड आता नहीं है नैनीताल में ट्रैफिक पहले लगने लगता है, पता नहीं क्या प्यार मोहब्बत है इनके बीच में। वहीं नारायण नगर की पार्किंग भी यहां की काफी ज्यादा भरी हुई है। साथ ही यहां होटलों में आने वाले लोगों की काफी भी ज्यादा चेकिंग होने लगी है, एक तरह से चेकिंग मेंडेटरी कर दी है, वहीं जिन लोगों की बुकिंग नहीं है वो होटलों के बाहर गाड़ी लगाकर वेट कर रह हैं।

 

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भीड़ से कैसे बच सकते हैं यहां

 


  • नैनीताल में अप्रैल-मई-जून के महीने में काफी भीड़ देखने को मिलती है, कोशिश करें ऑफ सीजन में ही यहां जाएं।
  • वहीं शुक्रवार से रविवार तक सबसे ज्यादा भीड़ होती है। बेहतर होगा आप सोमवार से गुरुवार के बीच यहां घूमने आएं। नैनीताल में एंट्री सुबह जल्दी करें, जैसे 6-8 बजे के बीच, ताकि ट्रैफिक जाम से बचा जा सके।
  • दोपहर के समय अक्सर लंबा जाम लग जाता है।
  • मॉल रोड, नैनी झील और स्नो व्यू पॉइंट पर सबसे ज्यादा भीड़ होती है। इसके बजाय आप टिफिन टॉप, चाइना पीक, या पास के कम भीड़ वाले गांव जैसे भवालगांव, सत्ताल या नौकुचियाताल एक्सप्लोर कर सकते हैं
  • बड़े और प्रसिद्ध होटलों की बजाय किसी लोकल होमस्टे या गेस्टहाउस में ठहरें, जो मेन मार्केट से थोड़ा दूर हो।

 

नैनीताल में ड्राइविंग के क्या हैं नियम

 

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  • गाड़ी चलाते समय शराब बिल्कुल न पिएं।
  • सड़क पर मोड़ (बेंड) आने पर हॉर्न जरूर बजाएं।
  • गाड़ी चलाते वक्त टेप रिकॉर्डर या रेडियो न बजाएं।
  • चप्पल पहनकर गाड़ी न चलाएं, इससे कंट्रोल में दिक्कत हो सकती है।
  • गाड़ी में ज्यादा सामान या लोग न भरें।
  • ढलान पर उतरती गाड़ी को चढ़ाई पर जा रही गाड़ी को रास्ता देना चाहिए।
  • गाड़ी में फर्स्ट एड बॉक्स (प्राथमिक चिकित्सा किट) जरूर रखें।
  • बिना इशारा (पास) लिए किसी गाड़ी को ओवरटेक न करें। जो गाड़ी पहले से ओवरटेक कर रही है, उसे कभी ओवरटेक न करें।
  • अगर कोई ड्राइवर नशे में गाड़ी चला रहा हो, तो तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या ट्रांसपोर्ट ऑफिस को सूचना दें।
  • बिना लाइसेंस या नाबालिग को गाड़ी न चलाने दें।
  • चढ़ाई पर जा रही गाड़ी को हमेशा पहले रास्ता दें।
  • गाड़ी धीरे और संभलकर चलाएं। तेजी से गाड़ी न दौड़ाएं।

 

नैनीताल कैसे पहुंचे

 

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रेल मार्ग:
नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जो नैनीताल से लगभग 35 किमी दूर है। दिल्ली, लखनऊ आदि से सीधी ट्रेनें मिलती हैं।

सड़क मार्ग:
नैनीताल सड़क मार्ग से उत्तराखंड और उत्तर भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा है। दिल्ली से बस या टैक्सी द्वारा लगभग 6-7 घंटे लगते हैं।

हवाई मार्ग:
सबसे नजदीकी हवाई अड्डा पंतनगर एयरपोर्ट है (लगभग 70 किमी दूर)। वहां से टैक्सी या बस से नैनीताल पहुंच सकते हैं।

 

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