नई दिल्ली: चीन और भारत के बीच पैदा हुए तनाव के बाद एक बार फिर दोनों देशों के रिश्ते पटरी पर आ रहे हैं. चीन और भारत के विदेश मंत्री वांग यी और एस जयशंकर ने सोमवार को राजधानी दिल्ली में मुलाकात की. सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान चीन ने भारत की तीन प्रमुख चिंताओं को दूर करने का वादा किया है. चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारत के विदेश मंत्री को बताया कि चीन फर्टिलाइजर, दुर्लभ धातु और सुरंग बनाने की मशीनों की सप्लाई का ध्यान रख रहा है.
चीन के विदेश मंत्री ने अपने दौरे के दौरान भारत को फर्टिलाइजर को लेकर मदद करने का वादा किया है. इससे एक उम्मीद जगी है कि क्या भारत की खाद की चिंता दूर होगी. दरअसल, डायमोनियम फॉस्फेट (DAP) एक अहम फर्टिलाइजर होता है. जिसमें फॉस्फोरस होता है, जो फसलों की जड़ और उपरी हिस्से के विकास के शुरुआती चरणों में काफी अहम होता है. किसानों को इस खाद की जरूरत होती है. चीन भारत को DAP का प्रमुख स्पलाइर रहा है, लेकिन हाल ही में उसने इसकी सप्लाई पर प्रतिबंध लगा दिए हैं, जिससे भारत में DAP की कमी हो गई है. हालांकि, अब एक बार फिर चीन ने खाद को लेकर भारत को एक उम्मीद दे दी है.
DAP के लिए भारत चीन पर निर्भर
गृह मंत्री अमित शाह ने साल 2023 में जानकारी दी थी कि भारत में 65 करोड़ लोग खेती करते हैं. इसी बीच जहां इतने लोग खेती से जुड़े हैं वहीं सभी को खेती करने के लिए खाद की जरूरत होती है. लेकिन, भारत अपनी मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त फर्टिलाइजर या उनके कच्चे माल का प्रोडक्शन नहीं करता है.
DAP भारत का दूसरा सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला फर्टिलाइजर है. इसकी (सालाना औसत बिक्री = 103.4 लाख टन)है. इसके एक बड़े हिस्से को इम्पोर्ट किया जाता है (57 लाख टन), चीन भारत का फॉस्फेट फर्टिलाइजर का प्रमुख सप्लाइर रहा है. लेकिन, हाल ही में चीन ने इसके एक्सपोर्ट पर पाबंदी लगाई है. जिसके चलते इससे भारत में DAP की कमी हुई.
MOP (म्युरिएट ऑफ पोटाश): भारत पूरी तरह से MOP के लिए इम्पोर्ट पर निर्भर है, क्योंकि देश में कोई घरेलू पोटाश भंडार नहीं हैं. इसी के बाद अब एक बार फिर चीन ने फर्टिलाइजर को लेकर भारत की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया है.
China promises to address three key concerns of India. Foreign Minister Wang Yi assured EAM that China is addressing India’s needs of fertilisers, rare earths and tunnel boring machines: Sources https://t.co/liCzB57nz2
— ANI (@ANI) August 19, 2025
द्विपक्षीय संबंधों को लेकर हुई चर्चा
चीन के विदेश मंत्री के साथ हुई मीटिंग में जयशंकर ने कहा कि मतभेदों को दोनों देशों के बीच विवाद नहीं बनना चाहिए. इस मौके पर चीन के विदेश मंत्री वांग ने कहा कि दोनों पक्षों को अपने पुराने 75 सालों से सबक सीखना चाहिए. सही रणनीतिक धारणा को बढ़ावा देना चाहिए. एक-दूसरे को प्रतिद्वंद्वी या फिर खतरा मानने के बजाय पार्टनर के तौर पर देखना चाहिए. वांग ने कहा, चीन और भारत को द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने की रफ्तार को मजबूत करना चाहिए.