लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने अमेरिका के भारत पर भारी-भरकम टैरिफ लगाए जाने की तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार ब्राजील की तरह भारत पर भी कुल मिलाकर 50 प्रतिशत शुल्क थोपने का प्रयास अमेरिका ने किया है, वह भारत के लिए एक झटका है। उन्होंने कहा कि इस कदम से डोनाल्ड ट्रंप के मित्र देश भारत को आघात पहुंचाने की कोशिश की गई है। इस मामले पर उन्होंने संसद के सत्र में चर्चा कराए जाने की मांग की है।
मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस पर संयमित प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिका के कदम को ‘अनुचित, अन्यायपूर्ण और अविवेकी’ बताया है, लेकिन देश की आम जनता इस निर्णय को अमेरिका द्वारा भारत के साथ विश्वासघात के रूप में देख रही है। उन्होंने कहा कि यह कदम भारत को कमजोर करने वाला प्रतीत होता है। लोग मान रहे हैं कि अमेरिका हमें कमजोर करने का प्रयास कर रही है।
राजनीतिक दलों से अपील
बसपा प्रमुख मायावती ने सोशल मीडिया एक्स पर किए गए पोस्ट में अपील की कि इस गंभीर चुनौती का सामना करने के लिए सभी राजनीतिक दलों को परिपक्वता दिखानी चाहिए। आपसी राजनीतिक स्वार्थ, संकीर्णता, मतभेद और द्वेष से ऊपर उठकर एक दीर्घकालिक रणनीति के तहत काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में अमन-चैन और कानून व्यवस्था बनाए रखना भी इस चुनौती से निपटने के लिए आवश्यक है।
मायावती ने संसद सत्र में इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा की मांग करते हुए कहा कि अगर केंद्र और राज्य सरकारें केवल आंतरिक संकीर्ण मुद्दों में उलझी रहेंगी तो ऐसी बड़ी वैश्विक चुनौतियों से निपटना कठिन हो जाएगा।
बसपा की लाइन को किया साफ
मायावती ने कहा कि बसपा की राजनीति हमेशा ‘सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय’ की रही है। देशहित में यह जरूरी है कि केंद्र और राज्यों के बीच चल रही राजनीतिक खींचतान को अब समाप्त किया जाए। केवल इसी तरह भारत वैश्विक मंच पर मजबूती से खड़ा रह सकेगा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए सभी को पूरी परिपक्वता दिखाते हुये राजनीतिक स्वार्थ, संकीर्णता, मतभेद आदि से ऊपर उठना होगा।
बसपा प्रमुख ने कहा कि वर्तमान स्थिति से निकलने के लिए हमें दीर्घकालीन रणनीति के तहत काम करना होगा। देश में पूरे अमन-चैन और कानून व्यवस्था के अच्छे माहौल के साथ पूरी मुस्तैदी से कार्य करना जरूरी है। यही व्यापक जन और देशहित में है।