नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शनिवार को ‘धर्म चक्रवर्ती’ की उपाधि दी गई। यह सम्मान जैन संत आचार्य श्री 108 विद्यानंद जी महाराज की जन्म शताब्दी समारोह में दिया गया। पीएम मोदी ने इस अवसर पर कहा कि आज आपने मुझे ‘धर्म चक्रवर्ती’ की उपाधि से सम्मानित किया है। मैं खुद को इसके लायक नहीं मानता। लेकिन हमारी संस्कृति में यह है कि संतों से जो कुछ भी मिलता है, उसे हम ‘प्रसाद’ के रूप में स्वीकार करते हैं। इसलिए, मैं विनम्रतापूर्वक इस ‘प्रसाद’ को स्वीकार करता हूं और इसे मां भारती को समर्पित करता हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि यह शताब्दी समारोह आचार्य विद्यानंद जी महाराज को समर्पित है। यह कार्यक्रम पूरे साल चलेगा। इसका आयोजन केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय, भगवान महावीर अहिंसा भारती ट्रस्ट, दिल्ली के साथ मिलकर कर रहा है।
पीएम मोदी ने बताया कि आज की तारीख खास है। आचार्य विद्यानंद मुनिराज को इसी दिन 1987 में यह उपाधि मिली थी। यह जैन संस्कृति को संयम और करुणा के विचारों से जोड़ती है. यह एक ‘पवित्र धारा’ है। इसका मतलब है कि यह एक ऐसा रास्ता है जो जैन धर्म के मूल्यों को आगे बढ़ाता है। इसमें लोगों को शांति और सद्भाव से रहने की प्रेरणा मिलती है।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य आचार्य विद्यानंद जी महाराज के जीवन और शिक्षाओं को लोगों तक पहुंचाना है। इससे लोगों को जैन धर्म के बारे में जानने और समझने में मदद मिलेगी. साथ ही, यह कार्यक्रम देश में शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने में भी मदद करेगा।