नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के डोसीगांव में भारत पेट्रोलियम के ‘शक्ति फ्यूल्स’ पेट्रोल पंप से डीजल भरवाने के बाद सीएम मोहन यादव के काफिले की 19 इनोवा गाड़ियां अचानक बंद हो गई। जब ड्राइवरों ने टंकी को चेक किया तो पाया गया कि सभी के टंकी में मिलावटी डीजल भर दिया गया। इस डीजल में 10 लीटर पानी मिलाया गया था। अब इस घटना के बाद लोगों के मन में सवाल है कि सही डीजल और पेट्रोल की पहचान कैसे करें?
मिलावटी डीजल और पेट्रोल की पहचान क्या है?
दरअसल, पेट्रोल पंप के नीचे टैंकर होता है उसमें पानी मिलाया जाता है। पहचान का सबसे आसान तरीका है कि पंप ऑपरेटर से फिल्टर पेपर मांग सकते हैं और उस पर पेट्रोल की 2 बूंद डालिए। फिर बूंद को कुछ देर के लिए सुखने दीजिए। अगर पेट्रोल या डीजल उस फिल्टर पेपर से पूरी तरह उड़ जाता है तो समझिए सही फ्यूल आपको मिला है। अगर वह फिल्टर पेपर पर किसी तरह का दाग छोड़ता है तो समझ लीजिए गड़बड़ फ्यूल मिल गया है।
हाइड्रोमीटर से भी मिलावट की जांच
सबसे पहले फ्यूल टैंक में डीजल या पेट्रोल फुल करवाएं। इसके बाद इसमें हाइड्रोमीटर डालें। पेट्रोल का घनत्व 720 से 775 किग्रा/मी^3 के बीच होता है। वहीं डीजल का घनत्व 820 से 860 किग्री /मी^3 के बीच होता है। अगर डेंसिटी में थोड़ा भी अप-डाउन हो तो समझ लीजिए मिलावटी फ्यूल मिल गया है।
मिलावटी पेट्रोल-डीजल से गाड़ियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा
- गाड़ी का इंजन झटके देने के बाद बंद हो जाएगा
- इंजन की लाइफ कम हो जाएगी।
- वाहन का माइलेज कम हो जाएगा
- फ्यूल टैंक में जंग लग सकती है।
- साइलेंसर और स्पार्क प्लग खराब हो सकता है।
मध्य प्रदेश में पेट्रोल पंज सीजसीएम मोहन यादव के काफिले की गाड़ियों में पानी मिला डीजल डाले जाने की सूचना मिलने के बाद अफसरों में हड़कंप मच गया। इसके बाद अफसरों ने तुरंत पेट्रोल पंप को सीज कर दिया। अब पेट्रोल पंप की जांच की जाएगी।