पंचायत का चौथा सीजन खूब पसंद किया जा रहा है. फुलेरा गांव में चुनावी माहौल के बीच बुनी गई कहानी रंग ला रही है. पंचायत सचिव अभिषेक त्रिपाठी का किरदार निभाने वाले जितेंद्र कुमार अपने उसी रंग में हैं, जिसके लिए वो जाने जाते हैं. ग्राम पंचायत का सचिव का काम सिर्फ रिकॉर्ड रखने या दस्तावेज समेटने तक सीमित नहीं होता. ग्राम सभा और पंचायत की बैठकों की सूचना देना और उसका आयोजन कराना भी पंचायत सचिव की जिम्मेदारी का हिस्सा होता है. वो बैठक में उठे हर मुद्दों को नोट करता है.
ग्राम पंचायत सचिव एक तरह तरह से गांव वालों और सरकारी विभाग के बीच तालमेल बिठाने का काम करता है. जानिए, कैसे बनें ग्राम पंचायत सचिव, कितनी मिलती है सैलरी और क्या-क्या जिम्मेदारी निभानी होती हैं.
कैसे होती है ग्राम पंचायत सचिव की भर्ती?
ग्राम पंचायत सचिव राज्य सरकार का कर्मचारी होता है. कुछ राज्यों में इन्हें पंचायत सहायक या पंचायत क्लर्क के नाम से भी जाना जाता है. ग्राम पंचायत सचिव की भर्ती सरकार के जरिए की जाती है. इसके लिए जॉब नोटिफिकेशन निकाला जाता है और प्रक्रिया का पालन करना पड़ता है.
ग्राम पंचायत सचिव की भर्ती पंचायती राज विभाग के तहत होती है और भर्तियां निकालने का काम उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) का होता है. दूसरे राज्यों में इसके लिए अलग-अलग व्यवस्था है. ग्राम पंचायत सचिव बनने के लिए 18 से 35 साल वाले ग्रेजुएट कैंडिडेट आवेदन कर सकते हैं. आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को उम्र में छूट मिलती है. परीक्षा में सामान्य ज्ञान, गणित, रीजनिंग, पंचायत राज व्यवस्था और ग्रामीण विकास से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं.लिखित परीक्षा, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद सफल अभ्यर्थियों को नौकरी मिलती है. कुछ राज्यों में इंटरव्यू का भी प्रावधान होता है.
कितनी सैलरी मिलती है?
उत्तर प्रदेश में पंचायत सचिव की सैलरी पे लेवल-2 के मुताबिक, 19900-63200 रुपए है. वहीं, बिहार में 21,700-69,100 रुपए, राजस्थान में करीब 62,000 और पश्चिम बंगाल में 22,700-58,500 रुपए है. उत्तर प्रदेश में पंचायत सचिव की भर्ती का काम उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, बिहार में बिहार कर्मचारी चयन आयोग, मध्य प्रदेश में एमपी कर्मचारी चयन मंडल, राजस्थान में राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड, झारखंड में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग, छत्तीसगढ में व्यावसायिक परीक्षा मंडल, तेलंगाना में राज्य लोक सेवा आयोग, महाराष्ट्र में जिला परिषद (ZP) या एमपीएससी और पश्चिम बंगाल में पंचायती राज विभाग करता है.
कितनी जिम्मेदारियां?
ग्राम पंचायत सचिव का काम विकास कार्यों की निगरानी करना और सरकारी योजनाओं को लागू करने के साथ विकास कार्यों की रिपोर्ट तैयार करना है. ग्राम सभा और पंचायत की बैठकों का कराना, कार्यवाही को लिखना भी कार्यक्षेत्र का हिस्सा है. इसके अलावा पंचायत निधियों का रखरखाव करना, आय-व्यय का हिसाब रखना और ऑडिट के डॉक्यूमेंट तैयार करना भी इनका ही काम है. ग्रामीणों को योजनाओं की जानकारी देने के साथ पंचायत चुनावों के समय बूथ व्यवस्था, मतदाता सूची अपडेट करना और मतदान केंद्र पर सहयोग करना भी इनका काम है. ग्राम पंचायत सचिव, प्रधान के साथ काम करता है.