Census 2027 Notification: जनगणना 2027 की अधिसूचना हुई जारी, पढ़िए सर्वेक्षण की 10 बड़ी बातें

नई दिल्ली: देश में 2027 में होनी वाली जनगणना के लिए केंद्र सरकार ने आज गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि जनगणना 2027 में होगी और इसे 2 चरणों में कराई जाएगी। इसके लिए लोगों से हर स्तर पर जानकारी ली जाएगी। मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग करते हुए यह डिजिटल माध्यम से कराई जाएगी।

पढ़िए जनगणना 2027 से जुड़ी 10 बड़ी बातें (Census Notification in Hindi)

  • फील्ड में डोर-टु-डोर जनगणना करने के लिए 34 लाख सर्वे करने वाले और सुपरवाइजर लगाए जाएंगे, जो फील्ड से डेटा इकठ्ठा करने का काम करेंगे।
  • इसके अलावा एक लाख 30 हजार जनगणना पदाधिकारी तैनात किए जाएंगे, ये सारे कर्मचारी जनगणना के लिए फील्ड सर्वे से लेकर इसका पूरा डेटा बनाने का काम करेंगे। जनगणना में जाति भी पूछी जाएगी।
  • जनगणना डिजिटल की जाएगी, इसके लिए मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग करते हुए यह डिजिटल माध्यम से की जाएगी।
  • मंत्रालय ने बताया कि दो चरणों में की जाने वाली जनगणना में पहले चरण में मकान सूचीकरण और मकानों की गणना (HLO) की जाएगी।
  • इसमें प्रत्येक परिवार की आवासीय स्थिति, संपत्ति और सुविधाओं के बारे में जानकारी इकट्ठी की जाएगी।
  • इसके बाद दूसरे चरण में जनगणना (PE) में प्रत्येक घर में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और अन्य जानकारी एकत्र की जाएगी।
  • इसमें जाति गणना भी की जाएगी, यह जनगणना प्रक्रिया शुरू होने के बाद से 16वीं जनगणना है और देश की आजादी के बाद 8वीं जनगणना है।
  • लोगों को स्व-गणना का प्रावधान भी उपलब्ध कराया जाएगा।
  • जनगणना से जुड़े तमाम डेटा की निजता और सुरक्षा का पूरा इंतजाम किया जाएगा।
  • जिसमें जनगणना के लिए डेटा इकट्ठा करना, उसे ट्रांसफर और स्टोर करने समेत हर कदम पर डेटा लीक ना होने पाए। इसके कड़े इंतजाम होंगे।

1881 से 1971 में जनसंख्या वृद्धि का इतिहास

इतिहासकार के मुताबिक 1881 से 1971 के बीच, उत्तर भारत की जनसंख्या में सबसे कम वृद्धि हुई जो कि लगभग 115% थी। अन्य क्षेत्रों में यह वृद्धि अधिक रही। दक्षिण भारत में 193%, पश्चिम भारत में 168% और पूर्वी भारत में 213% की वृद्धि हुई। वहीं, 1881-2011 के दौरान भी उत्तर भारत में सबसे कम वृद्धि दर्ज की गई। यह वृद्धि 427% थी। वहीं 1881-2011 के दौरान भी, उत्तर भारत में 427% की वृद्धि के साथ सबसे नीचे रहा। दक्षिण भारत में 445%, पश्चिम भारत में 500% और पूर्वी भारत में 535% की वृद्धि हुई।

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