नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच रिश्तों में जो खटास है, वो किसी से छिपी नहीं है. समय-समय दोनों देशों की ये खटास सबके सामने आती रहती है. हालांकि अब इन रिश्तों को सुधारने की कवायद शुरू हो चली है. बीते दिनों विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने चीन के उप विदेश मंत्री सुन वेईडोंग से शुक्रवार को दिल्ली में मुलाकात की. इस दौरान दोनों के बीच संबंध सुधारने के साथ ही हवाई सेवाओं को दोबारा शुरू करने को लेकर भी चर्चा हुई.
भारत और चीन अपने रिश्तों को ठीक करने के लिए पहले भी मुलाकात कर चुका है. इससे पहले दोनों के बीच जनवरी में बीजिंग में बात हुई थी. इस बार हुई मुलाकात में विक्रम मिसरी ने कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने में चीन के सहयोग की सराहना की.
उन्होंने कहा कि यह भारत के तीर्थयात्रियों के लिए बहुत अच्छी बात है. पिछले साल दोनों देशों ने इस बारे में 6 चीजों पर सहमति जताई थी. साथ ही दोनों देशों के बीच वीजा प्रक्रिया को आसान बनाने और अंतरराष्ट्रीय नदियों पर डाटा साझा करने जैसे अहम कदमों पर भी सहमति बनी है.
जल्द होंगी सीधी उड़ानें शुरू
वेइदोंग दो दिवसीय भारत यात्रा पर बृहस्पतिवार को नई दिल्ली पहुंचे थे. बैठक में दोनों देशों ने सीधी उड़ान को फिर से शुरू करने की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने पर सहमति जताई है. इस बैठक के बाद लगभग ऐसा माना जा रहा है कि चीन के साथ चल रहे खराब रिश्ते आने वाले समय में ठीक होंगे और सीधी उड़ानें शुरू होंगी. इसके तहत नए हवाई समझौते को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा.
हाइड्रोलॉजिकल डेटा शेयर करने पर बनी सहमति
विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि दोनों देशों से संबंधित नदियों पर अप्रैल 2025 में विशेषज्ञ स्तरीय तंत्र की बैठक में हुई चर्चाओं का जिक्र हुआ. दोनों देशों ने नदियों के संदर्भ में फिर से हाइड्रोलॉजिकल डाटा शेयर करने पर सहमति जताई है. हाइड्रोलॉजिकल डेटा का मतलब है नदियों से जुड़ी जानकारी, जैसे पानी का स्तर और बहाव से जुड़े आंकड़े हैं. इससे जल प्रबंधन, बाढ़ चेतावनी और पर्यावरण सहयोग में मदद मिलेगी.
कब आई थी दोनों देशों के बीच खटास?
दोनों देशों के बीच तल्खी पिछले करीब 5 सालों से देखने को मिल रही है. साल 2020 में पूर्वी लद्दाख में गलवां में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुए खूनी संघर्ष के बाद द्विपक्षीय और कूटनीतिक रिश्तों में तनाव आ गया था. इसके बाद ही कोविड और संघर्ष के कारण दोनों ही देशों ने सीधी उड़ानें बंद कर दी थी. इसके साथ ही भारत ने चीन के साथ व्यावसायिक रिश्तों को भी बंद किया था. यह मुलाकात दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर हुई थी.