एक भारतीय नागरिक को अमेरिका में बुजुर्ग नागरिकों से 4 लाख अमेरिकी डॉलर की धोखाधड़ी के मामले में 12 साल की सजा सुनाई गई है. शख्स ने तीन अमेरिकी राज्यों में बुजुर्ग नागरिकों से धोखाधड़ी की थी. वह जॉर्जिया के धोखेबाजों के संपर्क में रहकर इस काम को अंजाम देता था.
44 वर्षीय नीरव पटेल को फरवरी माह में तीन मामलों में वायर और मेल फ्राड के लिए दोषी ठहराया गया था. उसने अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश किया था. इन दोनों मामलों को लेकर अमेरिका की एक जिला अदालत ने आरोपी पटेल को 12 साल की सजा सुनाई.
पटेल ने अपना गुनाह खुद स्वीकारा
इलिनोइस के दक्षिणी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी स्टीवन डी वेनहोफ्ट का कहना है कि आरोपी पटेल ने अपना गुनाह खुद स्वीकार किया है. उसने बताया कि वह अवैध रूप से इलिनोइस राज्य आया था. जहां से उसने ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त किया. इसके बाद उसने इस लाइसेंस के इस्तेमाल से पूरे मिडवेस्ट में बुजुर्गों के साथ धोखाधड़ी की और उनसे पैसे लूटे. वेनहोफ्ट ने कहा कि हम अपने देश में किसी भी तरह के अपराध को खत्म करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे.
खुद को बताता था सरकारी अधिकारी
दिसंबर 2024 में एक अन्य घोटाला सामने आया था, जिसमें पटेल ने खुद को एक सरकारी अधिकारी बताया था. वह बुजुर्ग पीड़ितों से टेक्स्ट मैसेज या ईमेल के जरिए ठगी करता था. जिसमें वह लोगों को चेतावनी देता था कि उनके अमेजन अकाउंट से छेड़छाड़ की गई है. जब कोई बुजुर्ग उसकी बात मान लेता था, तो इसके बाद वह उस बुजुर्ग को अपने घोटालेबाज गिरोह के पास भेज देता था, जहां वह पीड़ितों को विश्वास दिलाते थे कि उनके बचत किए गए पैसों को खतरा है. इसके लिए वह एक नकली अकाउंट नंबर देते थे, जहां वह उन पैसों को ट्रांसफर करने के लिए बोलते थे.
बीमार बुजर्ग महिला को बनाता था शिकार
पटेल पर आरोप था कि वह बीमार बुजुर्गों के घर जाकर नकदी और सामान चुराता था. एक मामले में उसने एक बीमार बुजुर्ग महिला के घर में घुसकर 77,000 अमेरिकी डॉलर के सोने के बार चुराए थे. वह महिला ऑक्सीजन और वॉकर सपोर्ट पर थी. वह पटेल को चोरी करता देख चिल्ला रही थी और अपना वॉकर धकेल रही थी. इसके अलावा पटेल ने इलिनॉयस, विस्कॉन्सिन और इंडियाना राज्य में भी कई पीड़ितों के घर से नकदी और कीमती सामान चुराए थे.