नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन सिंदूर के बाद से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) अलर्ट पर थी. इसी के तहत NIA ने 5 जून को बड़ी कार्रवाई करते हुए आतंकियों के 32 ठिकानों पर छापेमारी की. यह कार्रवाई पाकिस्तान फंडेड आतंकी संगठनों जैसे द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF), यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट जम्मू-कश्मीर (ULFJ&K), मुजाहिदीन गजवत-उल-हिंद (MGH), जम्मू-कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स (JKFF), कश्मीर टाइगर्स और PAAF के खिलाफ थी. ये संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अल-बदर जैसे बैन आतंकी संगठनों से जुड़े हैं.
NIA की यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर में आतंकी साजिश को नाकाम करने और शांति भंग करने की कोशिशों को रोकने के लिए थी. जांच में पता चला कि पाकिस्तान से संचालित ये संगठन स्थानीय युवाओं को भड़काने, हथियारों और विस्फोटकों की तस्करी करने और आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया और ऑनलाइन ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे थे. ड्रोन के जरिए हथियार, विस्फोटक और नशीले पदार्थ कश्मीर घाटी में भेजे जा रहे थे.
क्या बरामद हुआ?
छापेमारी के दौरान NIA ने कई अहम सबूत जुटाए. इनमें 2 जिंदा कारतूस, 1 चली गोली और 1 संगीन (बायोनेट) शामिल हैं. इसके अलावा कई डिजिटल डिवाइस और आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए. ये दस्तावेज आतंकी साजिश के बारे में अहम जानकारी दे सकते हैं. NIA इनकी गहन जांच कर रही है ताकि इस नेटवर्क की पूरी सच्चाई सामने आए.
किन लोगों पर नजर?
NIA ने जिन 32 ठिकानों पर छापेमारी की, वे हाइब्रिड आतंकियों और ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) के घर थे. ये लोग आतंकी गतिविधियों में मदद करने, स्टिकी बम, मैग्नेटिक बम, IED, धन, नशीले पदार्थ और हथियारों की तस्करी में शामिल थे. NIA का कहना है कि ये लोग पाकिस्तान के इशारे पर जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे थे.
पाकिस्तान का रोल
NIA की जांच में सामने आया कि पाकिस्तान के आतंकी सरगनाओं ने इन संगठनों को फंडिंग और निर्देश दिए. ये संगठन लोकल युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और हिंसा फैलाने की साजिश रच रहे थे. इनकी ड्रोन और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना थी.
NIA का आतंक के खिलाफ बड़ा एक्शन
NIA ने इस मामले में जांच तेज कर दी है. बरामद दस्तावेजों और डिजिटल डिवाइस की जांच से आतंकी नेटवर्क के और राज खुलने की उम्मीद है. यह कार्रवाई शोपियां, सोपोर, पुलवामा, कुपवाड़ा, बारामूला और कठुआ जैसे जिलों में की गई. इससे NIA ने साफ किया कि आतंकवाद के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी.