जालौन मॉडल पूरे प्रदेश में होगा लागू, योगी सरकार का बड़ा फैसला, नून नदी बारे में जानिए

जालौन: उत्तर प्रदेश के जालौन में विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुकी नून नदी को जनसहभागिता और प्रशासनिक प्रयासों से पुनर्जीवित कर दिया गया है। इस सफलता के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जालौन के इस मॉडल को पूरे प्रदेश में लागू करने का निर्णय लिया है। सरकार ने घोषणा की है कि इस वर्ष पौधरोपण अभियान की शुरुआत नदी पुनरुद्धार के साथ होगी।

नून नदी का उद्गम महेवा ब्लॉक के सतोह गांव से होता है। यह नदी महेवा, कोंच, डकोर और कदौरा के 47 गांवों से होकर गुजरती हुई 82 किलोमीटर का सफर तय करके शेखपुर गुढ़ा गांव के पास यमुना नदी में मिल जाती है। कभी यह नदी हजारों किसानों के लिए सिंचाई का प्रमुख स्रोत थी, लेकिन बदलते मौसम और मानवीय लापरवाही के कारण इसका अस्तित्व खतरे में पड़ गया। 2014 में आई भीषण बाढ़ के बाद नदी का प्रवाह कम हो गया और इसके किनारों पर अतिक्रमण बढ़ने लगा। धीरे-धीरे नदी का स्वरूप एक नाले जैसा हो गया। कई स्थानों पर लोगों ने नदी की जमीन पर खेती करना शुरू कर दिया, जिससे इसकी स्थिति और भी खराब हो गई।

नून नदी को पुनर्जीवित करने की पहल

वर्ष 2023 में तत्कालीन जिलाधिकारी चांदनी सिंह ने नून नदी को पुनर्जीवित करने की पहल की। इसके बाद वर्तमान डीएम राजेश कुमार पांडेय ने जल संचयन जन भागीदारी अभियान चलाकर इस मुहिम को आगे बढ़ाया। प्रशासन ने नदी की सफाई और गहरीकरण का काम शुरू कराया। स्थानीय लोगों, किसानों और ग्राम प्रधानों ने भी इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। 13 अप्रैल 2025 को उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने सतोह गांव में फावड़ा चलाकर नदी पुनरुद्धार कार्य का शुभारंभ किया। डेढ़ महीने तक 2000 से अधिक मजदूरों ने लगातार मेहनत की, जिसके परिणामस्वरूप नदी में फिर से पानी दिखाई देने लगा। बारिश के मौसम में नदी अपने पुराने स्वरूप में लौट आई।

पीएम मोदी ने सराहा था

नून नदी के पुनरुद्धार की इस मुहिम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सराहा था। उन्होंने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में इस पहल का जिक्र करते हुए कहा था कि “जब समर्पण और सहयोग की भावना हो तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता। नून नदी की सफलता से प्रभावित होकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जालौन मॉडल को पूरे उत्तर प्रदेश में लागू करने का फैसला किया है। सरकार ने घोषणा की है कि अब अन्य जिलों में भी विलुप्त हो रही नदियों को पुनर्जीवित किया जाएगा। इसके लिए जनभागीदारी और मनरेगा जैसी योजनाओं का उपयोग किया जाएगा। इसकी जानकारी सरकार के “X” हैंडल पर दी गई।

47 गांवों के किसानों को मिलेगा लाभ

नून नदी के पुनर्जीवित होने से जालौन जिले के 47 गांवों के हजारों किसानों को लाभ मिलेगा। कोंच, डकोर, कदौरा और महेवा ब्लॉक के गांवों में सिंचाई की सुविधा बढ़ने से कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी। वहीं, डीएम राजेश कुमार पांडे ने बताया कि जल संरक्षण को लेकर ग्राम स्तर पर लोगों को जागरूक किया गया। जन चौपाल के जरिए उन्हें पानी के महत्व को समझाया गया। इसी का नतीजा है “जल संरक्षण जन भागदारी” अभियान ने गति पकड़ी और विलुप्त हो चुकी नून नदी को पुनर्जीवित कर दिखाया।

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