नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों को जान चली गई. कई लोग अभी अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच लड़ रहे हैं. इस हमले के पीछे साफ तौर पर पाकिस्तान का हाथ है. यही कारण है कि भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाने की कसम खा ली है. भारत सरकार ने हमले के बाद पाकिस्तान को लेकर कई कठोर फैसले लिए हैं, जिसके कारण पाकिस्तान का गला तो सूख गया है. इसके साथ ही एक लेटर ने सबकी नींद भी उड़ा दी है.
भारत सरकार की तरफ से औपचारिक तौर पर पाकिस्तान को एक लेटर लिखकर सिंधु जल संधि को तत्काल स्थगित करने के बारे में अपनी जानकारी दी. सरकार की तरफ से लिखे गए इस लेटर में कहा गया कि इस्लामाबाद ने संधि की शर्तों का उल्लंघन किया है. इसमें कहा गया कि, यह संधि अच्छे संदर्भ में की गई थी लेकिन अच्छे रिश्तों के बिना इसे बनाए नहीं रखा जा सकता है.
पाकिस्तान कश्मीर को बना रहा निशाना
जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देबाश्री मुखर्जी ने पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय के सचिव को एक पत्र लिखा है. जो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देबाश्री मुखर्जी की तरफ से पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय के सचिव सैयद अली मुर्तजा को लिखे पत्र में कहा कि भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि सिंधु जल संधि 1960 को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखा जाएगा.
भारत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को निशाना बनाकर पाकिस्तान की तरफ से जारी सीमा पार आतंकवाद सिंधु जल संधि के तहत भारत के अधिकारों में बाधा डालता है.
क्या लिखा भारत के इस पत्र में?
भारत सरकार के इस पत्र में लिखा कि सुरक्षा से जुड़ी अनिश्चितताओं ने संधि के तहत भारत के अपने अधिकारों को बाधित किया है. इसके अलावा भारत के अनुरोध पर पाकिस्तान की तरफ से कोई रिएक्शन नहीं दिया गया है. इस प्रकार ये भी संधि का उल्लंघन है. इसलिए भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि सिंधु जल संधि 1960 को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जाता है. इस लेटर में संधि के अनुच्छेद XII (3) के तहत सिंधु जल संधि 1960 में संशोधन की मांग की गई है.
भारत सरकार की तरफ से भेजे गए इस छोटे से लेटर ने पाकिस्तान सरकार की तो नींद उड़ाई ही है, इसके साथ ही वहां 240 मिलियन आबादी की सांसे भी फूल गई है. भारत सरकार किसी भी हालत में पाकिस्तानियों को सबक सिखाना चाहती है. यही कारण है कि लगातार कई बड़े और कठोर फैसले लिए जा रहे हैं.